मार्कफेड के अध्यक्ष राधाकृष्ण गुप्ता हटाए गए, कोर्ट के आदेश के चलते परिसमापित हुई समिति

मार्कफेड के अध्यक्ष राधाकृष्ण गुप्ता हटाए गए, कोर्ट के आदेश के चलते परिसमापित हुई समिति

मार्कफेड के अध्यक्ष राधाकृष्ण गुप्ता हटाए गए, कोर्ट के आदेश के चलते परिसमापित हुई समिति
Modified Date: November 29, 2022 / 08:13 pm IST
Published Date: April 27, 2019 7:28 am IST

रायपुर । छ्तीसगढ़ विपणन संघ के अध्यक्ष राधाकृष्ण गुप्ता को हटा दिए गए हैं। राधाकृष्ण को जिस प्रेमनगर की अटेम सहकारी विपणन समिति से संचालक चुने गए गए थे वह परिसमापित हो गई। इस वजह से गुप्ता खुद मार्कफेड के अध्यक्ष के लिए अपात्र हो गए हैं। हालांकि इस समिति पर नियमों के खिलाफ काम करने के गंभीर आरोप भी लगे है।

ये भी पढ़ें- बीजेपी सांसद के चुनावी कार्यालय में विवाद, मीडिया प्रभारियों के बीच…

बता दें कि पंजीयक के आदेश के बाद प्रेमनगर के उप पंजीयक ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं । विपणन संघ यानि मार्कफेड की उपविधि की कंडिका में प्रावधान है कि समिति के परिसमापित हो जाने पर संचालक मंडल के सदस्यों की सदस्यता जिसका की वह प्रतिनिधि है, समाप्त हो जाती है । राधाकृष्ण गुप्ता अटेम सहकारी विपणन एवं प्रक्रिया समिति संचालक सदस्य निर्वाचित होते रहे हैं। जहां से वह राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित रायपुर के लिए संचालक प्रतिनिधि निर्वाचित हुए थे। जानकारी के मुताबिक इस मामले को टरकाने के उद्देश्य से राधाकृष्ण गुप्ता और समिति के संचालकों ने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता का हवाला देते हुए जवाब देने अतिरिक्त समय की मांग की। जबकि उप पंजीयक का मानना था कि आचार संहिता का इस प्रकरण से कोई लेना-देना नहीं है।

 ⁠

ये भी पढ़ें- मोटरसाइकिल पर सवार होकर कलेक्टर पहुंचे नक्सल प्रभावित गांव, वर्षो बाद आये अधिकारी को

बता दें कि राधाकृष्ण गुप्ता को उप पंजीयक की ओर से नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने इसका तय समय में कोई जवाब नहीं दिया। दरअसल अटेम समिति ने नियमों के खिलाफ जाकर 31 मार्च 2013 में सात लाख 87 हजार की लागत से एक गोदाम बनाने की स्वीकृति दी। इसका निर्माण ऐसी जमीन पर किया किया गया जो प्रतिबंधित और वनभूमि थी। न्यायालय ने ऐसी जमीनों पर किसी भी प्रकार के निर्माण करने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। कोर्ट की यह भी गाइडलाइन थी कि निर्माणाधीन स्थल निजी या विवादित भूमि न हो। यदि ऐसा हुआ तो प्रशासकीय स्वीकृति खुद-ब-खुद निरस्त हो जावेगी।


लेखक के बारे में