CG Politics: रायपुर। इस वक्त प्रचार वॉर चरम पर है। कैंडिडेट, समर्थक, नेता धुंआधार प्रचार के बीच जुबानी वार की धार बढ़ाते नजर आ रहे है। अक्सर संभलकर, सधे अंदाज में, सोच-समझकर अपनी बात कहने वाले नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास मंहत पिछले कुछ दिनों से सीधे देश के प्रधानमंत्री को लेकर ऐसे बयान दे रहे हैं, जिससे सियासी गलियारे में बवाल की स्थिति बन रही है। महंत के PM के सामने लाठी धरैया नेता वाले बयान पर बहस थमी भी नहीं है और अब महंत ने मोदी को डिफाल्टर बताकर, सियासी गलियारे का तापमान फिर बढ़ा दिया है। कांग्रेस ने तर्क देते हुए बयान का समर्थन किया है तो बीजेपी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे महंत की स्ट्रेटेजी बताते हुए निशाना साधा है।
छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष चरणदास मंहत के ‘मूढ़ फुड़ैया’ वाले बयान पर बवाल अभी थमा भी नहीं है कि एक बार फिर डॉ महंत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। सक्ती में कार्यकर्ताओं के बीच नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत ने PM मोदी को डिफॉल्टर बताते हुए कहा कि मोदी बीते 10 सालों में अपनी कोई भी गारंटी पूरी नहीं कर पाए। छत्तीसगढ़ उन्हें डिफाल्टर मानती है। वहीं, PCC प्रभारी सचिव चंदन यादव ने महंत के बयान का समर्थन करते हुए, गूगल पर शब्द डिफॉल्टर का अर्थ समझाते हुए आरोप लगाया कि मोदी ने वादे पूरे नहीं किए इसीलिए वो डिफॉल्टर हैं।
इधर, महंत के बयान के बहाने बीजेपी नेताओं ने एक बार फिर कांग्रेस को जमकर कोसा। प्रदेश के डिप्टी CM विजय शर्मा और अरूण साव ने कटाक्ष कर कहा कि महंत जी कांग्रेस को हराने के लिए जानबूझकर ऐसे बयान दे रहे हैं, जबकि मंत्री रामविचार नेताम ने महंत के दिमागी संतुलन पर सवाल उठा दिए तो वहीं बीजेपी ने पूछा कि क्या गंगाजल वाले अधूरे वादे पर महंत, भूपेश बघेल को सार्वजनिक तौर पर डिफाल्टर घोषित करेंगे।
CG Politics: पहले लाठी और अब डिफाल्टर… कुल मिलाकर महंत के बयान पर बीजेपी को एक बार फिर कांग्रेसी खेमें की मौजूदा स्थिति पर चुटकी लेने का, उनके खिलाफ नया कैंपेन खड़ा करने का मौका मिल गया है। सवाल ये कि डॉ महंत के बयान क्या वाकई जानबूझकर दिए जा रहे हैं, क्या ये किसी रणनीति का हिस्सा हैं, क्या इससे कांग्रेस या कांग्रेस कैंडिडेट को नुकसान होगा?