Anganwadi workers protest: छत्तीसगढ़ में नियमित होंगी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता? प्रदेश भर में एक सूत्रीय मांग को लेकर किया धरना प्रदर्शन
Anganwadi workers be regularized in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ जुझारु आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ की ओर से आज प्रदेशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं। सभी जिला मुख्यालय में ध्यानाकर्षण धरना पर बैठने के बाद दोपहर अपनी मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे।
Anganwadi workers be regularized in Chhattisgarh, image source: ibc24
- कार्यकर्ता सहायिकाओं को तत्काल शासकीय कर्मचारी घोषित करने की मांग
- साल 2018 और 2023 में सरकारों ने चुनाव होने से पहले किया था वादा
- कलेक्ट्रेट में सैकड़ों की संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
रायपुर: Anganwadi workers be regularized in Chhattisgarh: , शासकीयकरण का दर्जा देने के अपने एक सूत्रीय मांग को लेकर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में आज आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं ने धरना प्रदर्शन किया। जिलों के समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका यहां पर शामिल हुए और उन्होंने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया और पूरी तरह से काम बंद रखा।
साल 2018 और 2023 में सरकारों ने चुनाव होने से पहले किया था वादा
आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं ने कहा कि साल 2018 और 2023 में सरकारों ने चुनाव होने से पहले वादा किया था लेकिन अपना वादा उन्होंने पूरा नहीं किया। उनका कहना है कि आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता एवं सहायिका काफी कम मानदेय पर काम कर रहे हैं लेकिन उनके काम को पूरा सम्मान नहीं मिल रहा है। इसी कड़ी में शासकीय करण का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर आज उन्होंने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया और अपनी मांग को बुलंद किया।
कलेक्ट्रेट में सैकड़ों की संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
बता दें कि छत्तीसगढ़ जुझारु आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ की ओर से आज प्रदेशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं। सभी जिला मुख्यालय में ध्यानाकर्षण धरना पर बैठने के बाद दोपहर अपनी मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। जिला कलेक्ट्रेट में सैकड़ों की संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं ने अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद की।

कार्यकर्ता सहायिकाओं को तत्काल शासकीय कर्मचारी घोषित करने की मांग
अपनी पीड़ा बताते हुए प्रदर्शनकारी महिलाओं ने नियमितीकरण की मांग रखी। कहा कि कार्यकर्ता सहायिकाओं को तत्काल शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए। साथ ही मध्यप्रदेश की तर्ज पर प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत मानदेेय वृद्धि और पर्यवेक्षक भर्ती तत्काल निकालने और इसमें आयुसीमा बंधन हटाते हुए 50 प्रतिशत में पदोन्नति दी जाए। वहीं, वे सहायिकाओं को शत-प्रतिशत पदोन्नत करने की मांग की जा रही है।
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