Mahadev Satta App Case: महादेव सट्टा ऐप के संचालक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने लगाया गैरहाजिरी माफी आवेदन, सुनवाई के बाद ED कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
महादेव सट्टा ऐप के संचालक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने लगाया गैरहाजिरी माफी आवेदन, Saurabh Chandrakar and Ravi Uppal, operators of the Mahadev Satta app, filed an apology for absence
रायपुर। Mahadev Satta App Case: चर्चित महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप के संचालक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल की ओर से दायर गैरहाजिरी माफी आवेदन पर रायपुर की प्रवर्तन निदेशालय (ED) कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। दोनों ने सीआरपीसी (CRPC) की धारा 205 के तहत स्थायी रूप से अदालत में परमानेंट गैरहाजिरी माफी की मांग की थी। दोनों पक्षों की विस्तृत बहस सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
अब जानिए कैसे शुरू हुआ महादेव सट्टा ऐप ?
Mahadev Satta App Case: दरअसल, छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी रामेश्वर चंद्राकर नगर निगम में पानी के पंप चलाने वाले ऑपरेटर का काम करते हैं। उनके बेटे का नाम सौरभ चंद्राकर है। सौरभ भिलाई में ही ‘जूस फैक्ट्री’ के नाम से एक छोटी सी जूस की दुकान चलाता था। इसी दौरान उसकी दोस्ती रवि उप्पल नाम के एक इंजीनियर से हो गई। 2017 में रवि और सौरभ ने मिलकर ऑनलाइन सट्टेबाजी के जरिए पैसा कमाने के लिए एक वेबसाइट बनाई। हालांकि, शुरुआत में इस वेबसाइट के कम यूजर्स थे और इससे काफी कम कमाई होती थी। सौरभ की कमाई का मुख्य जरिया जूस की दुकान ही थी। उसका दोस्त रवि उप्पल एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। 2019 में नौकरी के लिए सौरभ दुबई चला गया। कुछ समय बाद सौरभ ने अपने दोस्त रवि उत्पल को भी दुबई बुलवा लिया। रवि के दुबई पहुंचने से पहले सौरभ ने बेटिंग वेबसाइट के जरिए पैसा कमाने का पूरा प्लान तैयार कर लिया था।
बिजनेस फैलाने के लिए दो रास्ते अपनाए
इसके बाद दोनों ने महादेव बुक ऑनलाइन के नाम से एक बेटिंग वेबसाइट और ऐप बनाया। इसे सोशल मीडिया और दूसरे तरीके से प्रमोट करना शुरू कर दिया। सौरभ ने महादेव कंपनी का बिजनेस फैलाने के लिए दो रास्ते अपनाए। पहला- सोशल मीडिया मार्केटिंग और इन्फ्लुएंसर के जरिए ऐप को प्रमोट करवाया। दूसरा- सट्टा लगाने वाले दूसरे एप और वेबसाइट को खरीद लिया।

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