CG Politics. Image Source- IBC24 Archive
बैकुंठपुर: समाधान शिविर में शामिल होने के बाद वापस लौट रहे मंत्री रामविचार नेताम को तेंदूपत्ता संग्राहकों ने बीच रास्ते में रोक लिया। ये संग्राहक सलवा गांव में तेंदूपत्ता खरीदी की प्रक्रिया को लेकर नाराज थे। संग्राहकों ने फड़ ठेकेदार की शिकायत करते हुए मंत्री को बताया कि ठेकेदार काला पत्ता बताकर खरीदीं नहीं कर रहे हैं। हालांकि पुलिस और प्रशासन की समझाइश के ग्रामीणों ने मंत्री को जाने दिया।
Read More : CG Hindi News: मनरेगा कर्मियों ने जनपद पंचायत में मचाया हंगामा, संकाय सदस्य अभयप्रकाश साहू के खिलाफ खोला मोर्चा, काम बंद करने की दी चेतावनी
दरअसल, सुशासन तिहार के अंतर्गत मंत्री रामविचार नेताम कोरिया जिले के अलग-अलग समाधान शिविर में शामिल हो रहे हैं। समाधान शिविर के बाद मनसुख से बैकुंठपुर जाते समय सलवा गांव के तेंदूपत्ता संग्राहकों ने उनका काफिला रोक लिया और अपना दुखड़ा सुनाने लगे। संग्राहकों ने फड़ ठेकेदार की शिकायत करते हुए मंत्री को बताया कि ठेकेदार काला पत्ता बताकर खरीदीं नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण उसकी मेहनत बर्बाद हो जा रही है। पुलिस और प्रशासन की समझाइश के बाद ग्रामीणों ने मंत्री को जाने दिया।
Read More : MLA Munirathna Latest News: भाजपा नेता की दरिंदगी.. महिला नेत्री का दोस्तों से कराया गैंगरेप फिर किया उसपर पेशाब.. जहरीला इंजेक्शन भी दिया
मंत्री रामविचार नेताम को ग्रामीणों ने क्यों रोका?
सलवा गांव के तेंदूपत्ता संग्राहकों ने खरीदी प्रक्रिया में ठेकेदार द्वारा "काला पत्ता" बताकर पत्ते न खरीदने की शिकायत पर मंत्री का रास्ता रोका।
यह घटना कहाँ हुई?
यह घटना छत्तीसगढ़ के कोरिया ज़िले के सलवा गांव में हुई।
क्या मंत्री को बाद में जाने दिया गया?
हां, पुलिस और प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद ग्रामीणों ने मंत्री को जाने दिया।
तेंदूपत्ता संग्राहकों की मुख्य मांग क्या थी?
उनकी मांग थी कि फड़ ठेकेदार निष्पक्ष तरीके से तेंदूपत्ता खरीदी करें और मेहनत को अनदेखा न करें।
यह सब किस कार्यक्रम के तहत हुआ?
यह घटना सुशासन तिहार के दौरान समाधान शिविरों में भाग लेने के समय हुई।