आदिवासी समाज ने राज्य सरकार को दिया 15 दिन का अल्टीमेटम, स्थानीय सांसद और विधायकों के निवास का किया घेराव

अपनी मांगों को लेकर आदिवासी समुदाय ने राज्य सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दे दिया है, मांगे पूरी नहीं होने पर आर्थिक नाकेबंदी का ऐलान सर्व आदिवासी समाज के द्वारा किया गया है।

आदिवासी समाज ने राज्य सरकार को दिया 15 दिन का अल्टीमेटम, स्थानीय सांसद और विधायकों के निवास का किया घेराव

Tribal society gave 15 days ultimatum to the state governmen

Modified Date: July 8, 2023 / 08:05 pm IST
Published Date: July 8, 2023 8:05 pm IST

Tribal society gave 15 days ultimatum to the state government: जगदलपुर। बस्तर और सरगुजा संभाग में एसटी एससी और ओबीसी वर्ग को स्थानीय भर्ती में प्राथमिकता दिए जाने की मांग करते हुए शनिवार को सर्व आदिवासी समाज के द्वारा स्थानीय सांसद और विधायकों के निवास का घेराव किया गया। जगदलपुर स्थित विधायक रेख चंद जैन, लखेश्वर बघेल सांसद दीपक बैज के कार्यालय का घेराव सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने किया ।

स्थानीय भर्ती में एसटी एससी और ओबीसी वर्ग को प्राथमिकता दिए जाने की मांग के साथ ही सर्व आदिवासी समाज ने पेशा कानून में बदलाव करने आदिवासियों की जमीन को लीज में लेने से संबंधित कानून में बदलाव करने की मांग प्रमुख रूप से की है। अपनी मांगों को लेकर आदिवासी समुदाय ने राज्य सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दे दिया है, मांगे पूरी नहीं होने पर आर्थिक नाकेबंदी का ऐलान सर्व आदिवासी समाज के द्वारा किया गया है।

read more:  बेजुबानों के साथ अप्राकृतिक संबंध बना रहा था बुजुर्ग, कुतिया से लेकर गाय तक के CCTV फुटेज मिले, गिरफ्तार 

 ⁠

बता दें कि छत्तीसगढ़ में स्थानीय लोगों को तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती में प्राथमिकता देने की मांग को कोर्ट से गहरा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने इससे जुड़े मामले को खारिज कर दिया था। सर्व आदिवासी समाज ने स्थानीय पदों पर आदिवासियों को प्राथमिकता देने की मांग के साथ परिवाद दायर किया था लेकिन यह मामला खारिज हो गया था। अब फिर एक बार समाज के प्रतिनिधि युवाओं के साथ सड़कों पर उतर आए हैं और स्थानीय भर्ती में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की मांग की है।

read more:  कमलनाथ ने बेरोजगारी को लेकर सरकार पर साधा निशाना, कहा-‘मैं MP के नौजवानों से अपील करता हूं सचेत रहें’ 

दरअसल आरक्षण से जुड़े विवाद के चलते कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड का काम भी बंद पड़ा है जिसे स्थानीय लोगों की भर्ती की संभावनाओं पर विराम लग गया है। सरगुजा और बस्तर में स्थानीय आदिवासियों को भर्ती में प्राथमिकता मिल सके इसके लिए आदिवासी समाज आंदोलन कर रहा है। समाज का आरोप है कि राज्य सरकार जानबूझकर इस मामले में लापरवाही बरत रही है। आरक्षण विवाद को लेकर स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने के मुद्दे के साथ सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग सुप्रीम कोर्ट तक गया था, लेकिन यह मामला वहां खारिज हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय भर्ती के रास्ते बंद कर दिए हैं। ऐसे में इसका राजनीतिक समाधान तलाशने आदिवासी समाज फिर सड़कों पर उतर आया है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com