CG Ki Baat: इधर सुशासन तिहार..उधर ‘संविधान’ की हुंकार, कांग्रेस के पास सरकार को घेरने के लिए क्या रणनीति है? देखिए पूरी रिपोर्ट
CG Ki Baat: इधर सुशासन तिहार..उधर 'संविधान' की हुंकार, कांग्रेस के पास सरकार को घेरने के लिए क्या रणनीति है? देखिए पूरी रिपोर्ट
CG Ki Baat | Photo Credit: IBC24
- छत्तीसगढ़ में सुशासन तिहार और संविधान बचाओ यात्रा के बीच सियासी बहस।
- सीएम साय ने जमीनी फीडबैक के लिए रिमोट एरिया में समाधान शिविर लगाए।
- कांग्रेस ने संविधान बचाओ यात्रा के जरिए बैलाडीला पहाड़ी को बचाने का संकल्प लिया।
रायपुर: CG Ki Baat देश में इस वक्त एक ही सेंटिमेंट है, बदला तैयारी युद्ध-अभ्यास की हो रही है, बचाव की मॉक-ड्रिल भी जारी है। इसी बीच छत्तीसगढ़ में सरकार और विपक्ष के बीच बहस का एक नया मोर्चा खुल गया है। बहस है कि कौन जनता के मुद्दों पर, परेशानियां खत्म करने पर काम कर रहा। एक तरफ है सरकार का सुशासन तो दूसरी तरफ है कांग्रेस की संविधान बचाओ यात्रा। खुद CM साय सुशासन तिहार पर निकल पड़े हैं। वहीं कांग्रेस भी संविधान बचाओ यात्रा के जरिए जमीन पर उतरने की तैयारी कर चुकी है। मकसद साफ है वो सरकारी अभियान को अपनी यात्रा के जरिए जवाब देना चाहती है। जबकि बीजेपी ने अभी से यात्रा को कटघरे में खड़ा कर दिया है। असल में जनता के सरोकारों से कौन जुड़ा है?
CG Ki Baat छत्तीसगढ़ में साय सरकार 1 से 30 मई तक सुशासन तिहार मना रही है, मकसद है, सरकार की योजनाओं का जमीनी फीडबैक मिले, जनता से सीधा संवाद हो, लोगों को समस्या का समधान मिले। इसके तहत अब तीसरे चरण में स्वयं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय औचक निरीक्षण के तहत, हर दिन किसी ना किसी जिले के रिमोट एरिया में समाधान शिविर में पहुंच कर, लोगों से सीधे बात कर रहे हैं। मंगलवार को भी CM साय का हेलीकॉप्टर कवर्धा और बेमेतरा जिले में उतरा सरकार का दावा है वो चुस्त और पारदर्शी प्रशासन और तेज विकास के लिए संकल्पित है, दूसरी तरफ कांग्रेस का सीधा आरोप है कि सुशासन तिहार केवल और केवल ढकोसला है। PCC चीफ ने याद दिलाया कि सरकार के सुशासन दिवस की पोल खुद पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल चिट्ठियां खोल रही हैं, 40 लाख शिकायती आवेदन सरकार की नाकामी का सुबूत हैं।
दूसरी तरफ कांग्रेस 8 मई से संविधान बचाओ यात्रा निकालने की तैयारी में है। पीसीसी चीफ का दावा है कि यात्राओं में पार्टी ने हमेशा जनता के मुद्दों को उठाया, अब बैलाडीला पहाड़ी को बचाने यात्रा करेंगे। वहीं,बीजेपी ने पोस्टर जारी कर तंज कसा कि ये संविधान नहीं डूबती कांग्रेस को बचाने की यात्रा है। बीजेपी विधायक सुनील सोनी ने कहा कि पहले भी बैज की कई यात्राएं कैंसिल हुईं हैं, अब भी इसपर प्रश्न चिन्ह है।
कुल मिलाकर प्रदेश की सियासत में पक्ष-विपक्ष में सुशासन लाओ बनाम संविधान बचाओ को लेकर बहस छिड़ी है। सवाल है, सियासी नफे-नुकसान से इतर असल में जनता के मुद्दों के कौन करीब है, जनता किससे जुड़ेगी, किससे उन्हें लाभ मिलेगा?

Facebook



