शह मात The Big Debate: आदिवासियों को रिझाने की रेस..किस फिराक में कांग्रेस? छत्तीसगढ़ के आदिवासी वोटर से पसंदीदा कौन हैं? देखिए पूरी रिपोर्ट
Chhattisgarh News: आदिवासियों को रिझाने की रेस..किस फिराक में कांग्रेस? छत्तीसगढ़ के आदिवासी वोटर से पसंदीदा कौन हैं? देखिए पूरी रिपोर्ट
Chhattisgarh News | Photo Credit: IBC24
- ST वोटर्स को साधने के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने रणनीति तेज
- जल-जंगल-जमीन के मुद्दों को लेकर कांग्रेस करेगी आंदोलन
रायपुर: Chhattisgarh News आदिवासी बहुल स्टेट छत्तीसगढ़ की जहां बीजेपी के बाद कांग्रेस ने भी घोषित तौर पर, आदिवासियों पर फोकस शिफ्ट करना तय कर लिया है। इसी सिलसिले में अपने ST चेहरों को दिल्ली बुलाकर, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने उन्हें पार्टी का एजेंडा बता दिया है। तो आखिर राहुल ने क्या मंत्र दिया है ST वर्ग को अपने पाले में लाने का?
Chhattisgarh News इन फैक्टर्स को भांपते हुए अब कांग्रेस ने भी ST-SC वर्ग को साधने कवायद शुरू दी है। सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता राहुल गाँधी ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस के आदिवासी नेताओं को मीटिंग के लिए बुलाया। बैठक में PCC अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व PCC चीफ मोहन मरकाम, पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, अनिला भेड़िया समेत कई आदिवासी विधायक शामिल हुए। राहुल ने नेताओं को जाति जनगणना को लेकर प्रदेश के आदिवासियों का मूड टटोलने कहा, मीटिंग में तय किया गया कि कांग्रेस आदिवासी मुद्दों पर आंदोलन करेगी,आगामी जनगणना को लेकर आदिवासियों को एकजुट कर, धर्म कोड ‘आदिवासी’ रखने की मांग मुखरता से की जाएगी। इसकी वजह भी साफ है, पहले बस्तर-सरगुजा की अधिकांश सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था जबकि 2023 में ज्यादातर अनुसूचित जनजाति सीटों पर कांग्रेस की हार हुई। कांग्रेस की कवायद पर कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने विपक्ष को आदिवासी विरोधी बताते हुए दावा किया कि इस दिखावे से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
कांग्रेस ने अपने पिछले कार्यकाल में OBC वर्ग को सत्ता की धुरी बनाने की कोशिश की लेकिन अब बीजेपी ने तय किया है कि वो ST-SC बहुल सीटों पर पकड़ मजबूत बनाएगी। इसे देखते हुए कांग्रेस ने भी प्रदेश के अनुसूचित जन जाति क्षेंत्रों में, नक्सलवाद के खात्मे से इतर अब जातिगत जनगणना, जल-जंगल-जमीन-संसाधनों की लूट और आगामी जनगणना में धर्म कोड जैसे मुद्दों के साथ समाज में पैठ बढ़ाने काम शुरू करना तय किया है , सवाल है आदिवासी वर्ग किसके साथ जुड़ेगा?

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