…और कितनी वारदात…क्या मध्यप्रदेश में महफूज नहीं है महिलाएं?

...और कितनी वारदात...क्या मध्यप्रदेश में महफूज नहीं है महिलाएं?

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  • Publish Date - January 29, 2021 / 05:36 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:24 PM IST

भोपालः शिवराज सरकार सूबे में लगातार एंटी माफिया मुहिम चला रही है, लेकिन दूसरी और मध्यप्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और वारदात में इजाफा हुआ है। आंकड़े भी इसकी गवाही दे रहे हैं, हर नई घटना पुरानी से ज्यादा डरावनी होती है। महिलाओं पर हो रही हिंसा को लेकर कांग्रेस आक्रमक मूड में दिख रही है, तो सरकार के बचाव में बीजेपी की अपनी दलील है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार के दावे और विपक्ष के आरोपो के बीच..सबसे बड़ा सवाल ये है कि मध्यप्रदेश में क्या महफूज नहीं है महिलाएं?

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भोपाल, इंदौर जैसे शहरों से लेकर शहडोल और बुरहानपुर की ये वारदातें महिलाओं की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े करती है। ऐसे में जब मुख्यमंत्री खुद महिलाओं हिंसा के खिलाफ सख्ती दिखा चुके हैं। गृहमंत्री अलग-अलग शहरों में जाकर कानून व्यवस्था की समीक्षा कर रहे है ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर बदमाश इतने बेखौफ कैसे? तस्वीर देखिए इंदौर की जहा ज्ञानशिला टाउनशिप में एक महिला पर उसकी पांच साल की बेटी के सामने धारदार हथियार से हमला किया गया। महिला तड़पती रही लेकिन उसे कोई बचाने नहीं आया और महिला की मौत हो गई। जाहिर है महिलाओं पर हो रही हिंसा को लेकर कांग्रेस आक्रमक मूड में दिख रही है।

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सबसे पहले आपने पिछले कुछ दिनों में हुई महिला हिंसा की खबरें देखी लेकिन यदि आप आंकड़ों पर नजर डालेंगे तो वो और डराते हैं। प्रदेश में पिछले साल बलात्कार के 5600, बलात्कार की कोशिश के 403 मामले सामने आए। जबकि घरेलु हिंसा के 54649 और छेड़खानी के 13719 मामले दर्ज किए गए। आंकड़े भले ही हैरान करने वाले हो लेकिन यदि सरकार का पक्ष देखा जाए तो महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार की तरफ से कई कदम उठाए गए हैं।

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मध्यप्रदेश में रेप के आरोपियों को फांसी देने का प्रावधान है और अब तक करीब 27 लोगों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। वन स्टॉप सेंटर की सुविधा शुरु की गई है, महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के के लिए कैंप लगाए जाते हैं। सार्वजनिक परिवहन में पैनिक बटन लगाए जा रहे हैं। हाल ही में गुजरात के मोरबी में झाबुआ की लड़की से रेप की वारदात सामने आने के बाद खुद मुख्यमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री से बात की और पीड़ित परिवार को चार साल की मदद की। जाहिर तौर पर महिला हिंसा का मुद्दा कानून व्यवस्था से ज्यादा जनता के जागरुक होने से जुड़ा है।

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प्रदेश में भले ही महिला हिंसा के मामले अकसर सामने आ रहे हो, लेकिन इनकी रोकथाम के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है। आखिरी में देखिए तस्वीर जबलपुर की जहां सेना में भर्ती होने के लिए चार राज्यों से सैकड़ों लड़कियों ने फिजिकल टेस्ट दिया, क्योंकि यदि महिलाएं मजबूत होगी तो भला उनसे कोई जबर्दस्ती कैसे कर सकेगा।

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