भूपेश कैबिनेट के फैसले, चिटफंड एजेंटों पर दर्ज केस होंगे वापस, अपेक्स-सहकारी बैंक का नहीं होगा विलय
भूपेश कैबिनेट के फैसले, चिटफंड एजेंटों पर दर्ज केस होंगे वापस, अपेक्स-सहकारी बैंक का नहीं होगा विलय
रायपुर। बजट सत्र से पहले भूपेश कैबिनेट की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए हैं। चिटफंड अभिकर्ताओं को राहत देते हुए उन पर दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे। कुल 286 अभिकर्ताओं पर केस दर्ज हैं, निवेशकों के धन वापसी के लिए सरकार ने नीति बनाने का निर्णय लिया गया। कुल 199 कम्पनियों के खिलाफ है प्रकरण दर्ज है। बैठक के दौरान बताया गया कि खरीब फसल की 83.6 लाख धान खरीदी की गई है। जमीन अधिग्रहण के संबन्ध में भी निर्णय लिया गया है
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इसके साथ ही नरवा-गरवा, घुरवा-बारी प्रोजेक्टस का विस्तार किया जाएगा। जमीन अधिग्रहण को लेकर भी कैबिनेट में फैसला लिया गया। बैठक के दौरान बताया गया कि खरीफ फसल की 83.6 मीट्रिक टन धान खरीदी की गई। चिटफंड कंपनियों के मामले में अभिकर्ताओं के विरूद्ध पंजीबद्ध प्रकरणों की वापसी एवं निवेशकों के धन वापसी पर शीघ्र कार्रवाई करने पर चर्चा की गई। अनियमित वित्तीय कंपनियों (चिटफंड कंपनी) के मामलों में 286 अभिकर्ताओं की गिरफ्तारी, 263 चालान तथा 424 प्रकरण पंजीबद्ध किये गए हैं। प्रदेश में अनुमानित है कि 2 लाख 70 हजार निवेशकों द्वारा 11 अरब 5 करोड़ रूपये अनियमित वित्तीय कंपनियों में जमा कराए गए हैं। छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध 199 ज्ञात प्रकरण दर्ज किये गए हैं। निवेशकों को धन वापसी के संबंध में विशेष न्यायालय या विशेष अभियोजन अधिकारी तैनात करने पर चर्चा की गई। खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में 75 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य था। प्रदेश में 80.36 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है। धान के शीघ्र निराकरण हेतु निर्देश दिए गए।
बस्तर के लोहंडीगुड़ा तहसील में टाटा स्टील के लिए अधिग्रहित किसानों की निजी जमीन की वापसी के बाद जमीन अधिग्रहण पुनर्वास एवं पुर्नव्यवस्थापन के संबंध में अधिनियम में संशोधन पर चर्चा की गई। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक का अपेक्स बैंक में विलय नहीं होगा। इस हेतु सहकारिता विभाग को निर्देश दिए गए। साथ ही सहकारिता क्षेत्र के विस्तारीकरण एवं सशक्तिकरण के संबंध में भी चर्चा की गयी।

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