हाथियों पर रिसर्च कर रहा केंद्रीय दल, मनुष्यों के अनुकूल व्यवहार करने की दी जाएगी ट्रेनिंग

हाथियों पर रिसर्च कर रहा केंद्रीय दल, मनुष्यों के अनुकूल व्यवहार करने की दी जाएगी ट्रेनिंग

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  • Publish Date - June 29, 2019 / 11:32 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:02 PM IST

रायपुर । छत्तीसगढ़ में हाथी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भारत सरकार वन मंत्रालय ने नई पहल की है। हाथियों पर रिसर्च करने वाली 18 सदस्यीय एक्सपर्ट टीम छत्तीसगढ़ के हाथी प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने पहुंची है। पिछले 6 महीनों में हाथियों के हमले के 17 केस सामने आए हैं। जिसके बाद से पीसीसीएफ ने हाथियों पर रिसर्च एक्स्पर्ट की टीम यहां बुलवाई है।

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छत्तीसगढ़ में सबसे पहले सन् 1982 में पलामु नेशनल पार्क झारखंड के रास्ते हाथियों की इंट्री हुई थी। इसके बाद लगातार हाथियों की संख्या बढ़ती गई और अब 280 हाथी प्रदेश में धूम रहे हैं। इस समय 22 हाथियों का झुंड जशपुर, महासमुंद, कोरबा क्षेत्र में सक्रिए है, 20 हाथियों का झुंड उमरिया में है, 30 से भी अधिक हाथी रायगढ़, सरगुजा, धरमजयगढ़ की ओर घूम रहे हैं। हाथियों का झुंड आरंग से गढ़चिरौली की ओर बढ़ रहे है। हालांकि पिछले 10 सालों के रिकार्ड में सरगुजा क्षेत्र में हाथी का प्रभाव कम हुआ है ।

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विभिन्न राज्यों से आए एक्सपर्ट द्वारा रणनीति तैयार की जा रही है, जिसके अंतर्गत सोलर फेसिंग सिस्टम, बी हाउस प्रोजेक्ट बनाया जाएगा। हाथी प्रभावित इलाकों में फूड प्लांट्स उपलब्ध कराई जाएगी। हाथियों के रहने के लिए घने जंगल और पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराया जाएगा जिससे हाथी शहरों की तरफ न बढ़े।

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भारत सरकार वन मंत्रालय की यह पहल से उम्मीद की जा रही है कि छत्तीसगढ़ में हाथी के बढ़ते प्रभाव को रोकने में य पहल कारगर साबित होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में मनुष्य और हाथी को एक साथ सौहाद्रपुर्ण तरीके से रहने लिए उन्हें शिक्षित भी किया जाएगा