मुख्यमंत्री ने शिक्षक दिवस पर गुरूजनों को दी शुभकामनाएं, 5 सितम्बर को आयोजित कई कार्यक्रमों में करेंगे शिरकत

मुख्यमंत्री ने शिक्षक दिवस पर गुरूजनों को दी शुभकामनाएं, 5 सितम्बर को आयोजित कई कार्यक्रमों में करेंगे शिरकत

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  • Publish Date - September 4, 2019 / 09:07 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:09 PM IST

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कल 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह और दुर्ग जिले के ग्राम पंचायत मुख्यालय घुघवा (क) में आयोजित शिक्षक दिवस के कार्यक्रम में शामिल होंगे। बघेल निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सुबह 10.30 बजे राजभवन पहुंचेंगे और वहां राज्यपाल अनुसुईया उईके के मुख्य आतिथ्य में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह की अध्यक्षता करेंगे।

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स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे। सीएम बघेल रायपुर से सुबह 11.40 बजे हेलीकॉप्टर द्वारा रवाना होकर 11.55 बजे भिलाई-3 पहुंचेंगे और वहां शांति नगर में नवनिर्मित मल्टीप्लेक्स का उद्घाटन करेंगे। मुख्यमंत्री दोपहर 1.30 बजे कार द्वारा दुर्ग जिले के ग्राम पंचायत मुख्यालय घुघवा (क) पहुंचकर शिक्षक दिवस के कार्यक्रम में शामिल होंगे। सीएम बघेल अपरान्ह 2.30 बजे घुघवा (क) से मुख्यमंत्री निवास के लिए रवाना होंगे।

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इसके पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी शिक्षकों सहित प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने आज यहां जारी अपने बधाई संदेश में कहा है कि यह दिन हमें अपने देश के महान दार्शनिक और पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन की जन्म जयंती का भी स्मरण कराता है। सीएम बघेल ने कहा कि स्वर्गीय डॉ.राधाकृष्णन स्वयं एक विद्वान, चिंतक और प्राध्यापक रहे। उनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाकर हम गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्र निर्माण और समाज में बेहतर मानव संसाधन के विकास में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए अनेक नवाचार प्रारंभ किए गए हैं। राज्य सरकार 15 हजार नियमित शिक्षकों की भर्ती कर रही है। महाविद्यालयों में भी लगभग एक हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा बारहवीं तक के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा के दायरे में लाया गया है।

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