अंधेरी कोठरी में ले जाकर बेल्ट खोलकर ठोंकना अच्छे से आता है : रेणुका सिंह, क्वारंटाइन सेंटर में युवक से मारपीट के बाद केंद्रीय मंत्री का फूटा गुस्सा

अंधेरी कोठरी में ले जाकर बेल्ट खोलकर ठोंकना अच्छे से आता है : रेणुका सिंह, क्वारंटाइन सेंटर में युवक से मारपीट के बाद केंद्रीय मंत्री का फूटा गुस्सा

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  • Publish Date - May 23, 2020 / 06:50 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:23 PM IST

बलरामपुर। क्वारंटाइन सेंटर में अव्यस्थाओं को लेकर सोशल मीडिया में वीडियो वायरल करने के बाद युवक से कथित रूप से मारपीट करने का मामला शांत होता नजर नहीं आ रहा है। केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह ने भी बलरामपुर कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को पूरे मामले की जांच कर निष्पक्ष कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इससे पहले रेणुका ने पूरे मामले में प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह ने बलरामपुर जिले के ग्राम डोरा स्थित क्वारंटाइन सेंटर के बाहर नियमों का पालन करते हुए फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ युवक से मुलाकात की। उन्होंने घटना की जानकारी ली।

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युवक से मामले की जानकारी लेने के बाद तो जैसे रेणुका सिंह का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया । केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह तीखे शब्दो में जनपद सीईओ और तहसीलदार को कहा कि मेरे कार्यकर्ताओं और युवक के साथ मारपीट गलत है। अंधेरी कोठरी में ले जाकर बेल्ट खोलकर ठोंकना अच्छे से आता है । कल रेणुका सिंह ने युवक से भी की थी मुलाकात थी। युवक के साथ जनपद सीईओ और तहसीलदार पर मारपीट के आरोप लगे हैं।

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बलरामपुर जिले में दूरस्थ गांव के शासकीय छात्रावासों को क्वॉरटाइन सेंटर बनाया गया है। जहां प्रवासियों की संख्या के अनुरूप सुविधाओं की कमी है। राजपुर विकासखंड के ग्राम बाटीडांड़ स्थित जिस क्वॉरनटाइन सेंटर से प्रवासी मजदूर कोरोना संक्रमित पाया गया, वहां भी बुनियादी सुविधाओं की कमी नजर आई। प्रवासी श्रमिकों की संख्या के अनुरूप कहीं भी पर्याप्त शौचालय नहीं है। बाथरुम का भी अभाव बना हुआ है। ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिससे प्रवासी श्रमिकों को एक दूसरे के संपर्क में आने से रोका जा सके। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए यह परिस्थिति किसी भी रूप में सही नहीं है। प्रशासन भी लाचार है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुरूप व्यवस्था कर पाना संभव ही नहीं है, क्योंकि सुविधाओं की भारी कमी से जूझना पड़ रहा है