किसानों का धरना प्रदर्शन जारी, यात्रियों-छात्रों को उठाना पड़ रही परेशानी

किसानों का धरना प्रदर्शन जारी, यात्रियों-छात्रों को उठाना पड़ रही परेशानी

  •  
  • Publish Date - February 22, 2020 / 08:08 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:36 PM IST

कवर्धा। जिले में बीते तीन दिनों से जारी किसानों का धरना प्रदर्शन आज भी जारी है। इस बीच सबसे ज्यादा समस्या आम लोगों को उठानी पड़ रही है। कवर्धा में जहां कलेक्टर गेट के सामने किसान दो दिन से बैठे हुए हैं। भारतीय किसान संघ शुक्रवार से अनिशचितकालीन धरना प्रदर्शन पर बैठे हैं। आंदोलनरत किसानों ने महाशिवरात्रि के अवसर पर रात में ही धरना स्थल में सरकार की सद्बुद्धि के लिए भगवान शंकर का अभिषेक किया । किसानों ने धरनास्थल पर विधि विधान से पूजा अर्चना की है।

ये भी पढ़ें- फिलहाल आत्मदाह नहीं करेंगे समाज से बहिष्कृत 25 लोग, राजकीय मार्ग को…

वहीं दूसरी ओर जिले में रायपुर जबलपुर नेशनल हाईवे पर दो अलग अलग गावों में किसानों ने चक्का जाम किए हुए थे, जिसके कारण कवर्धा से रायपुर व कवर्धा से बिलासपुर नियमित जाने वाली यात्री बसे नहीं चल पा रही थी, यात्री निजी गाड़ी करके किसी अन्य मार्ग से होकर जा पा रहे है। शुक्रवार को महाशिवरात्रि के मौके पर छुट्टी होने के कारण ज्यादा दिक्कतें सामने नहीं आई, लेकिन शनिवार को स्कूल खुल गए गए हैं, वहीं शासकीय कार्य भी अवरोध की वजह से बाधित हो रहा हैं।

ये भी पढ़ें- धान खरीदी में अव्यवस्था, किसानों का प्रदर्शन जारी, कलेक्ट्रेट परिसर…

यात्रियों को हो रही भारी परेशानी की वजह से दिन के 12 बजे के बाद ग्राम हरिनछापरा में लगे कवर्धा -बिलासपुर रोड में जाम को हटा दिया गया हैं, पुलिस की समझाइश के बाद किसानों ने जाम हटा दिया था। लेकिन ग्राम बिरकोना में लगा जाम अभी भी जारी है।

ये भी पढ़ें-  आधा दर्जन आईएएस अधिकारियों के तबादला आदेश जारी, बदले गए इन जिलों के…

जिला प्रशासन के आला अधिकारियों की लापरवाही ही है जिसके कारण ये नौबत आई है। दरअसल छह माह पहले ही जिले में पटवारी धान का सर्वे का रकबा की जानकारी देते हैं। कवर्धा जिले में एक लाख हेक्टेयर धान रकबा होने की जानकारी होते हुए भी प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान खरीदी की दर से बारदाना खरीदी किया जाना चाहिए था जो नहीं किया गया। 13 फरवरी को पंडरिया विधायक ने भी कलेक्टर को आवेदन करके धान खरीदी की समस्याओं से अवगत कराया था । वहीं जिला प्रशासन की लापरवाही को उजागर खत के माध्यम से की गई थी, तब भी जिला प्रशासन में विधायक के आवेदन को नजरअंदाज किया गया। किसानों के मुताबिक अगर सही समय पर बारदाना उपलब्ध करा दिया जाता तो इस स्तिथि से गुजरना नहीं पड़ता।