बागी विधायकों से मिलने बेंगलुरू पहुंचे दिग्विजय सिंह को झटका, कर्नाटक हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

बागी विधायकों से मिलने बेंगलुरू पहुंचे दिग्विजय सिंह को झटका, कर्नाटक हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

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  • Publish Date - March 18, 2020 / 12:58 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:54 PM IST

कर्नाटक: मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट की गूंज पूरे देश में गूंजने लगी है। सियासी संकट पर दायर याचिका पर जहां एक ओर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाल दी है, वहीं दूसरी ओर कर्नाटक हाईकोर्ट ने दिग्विजय सिंह की याचिका खारिज कर दी है। बता दें कि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने बेंगलुरु में मौजूद सिंधिया समर्थक विधायकों से मुलाकात के लिए आज हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याचिका में उन्होंने मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायकों से मिलने की अनुमति मांगी थी। दिग्विजय सिंह ने कहा था कि हमने भूख हड़ताल पर रहने का फैसला किया है।

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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई टाल दी है। मामले में आज सुनवाई करते हुए कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह तय नहीं कर सकता कि सदन में किसके पास बहुमत है और किसके पास नहीं। यह काम विधायिका का है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस बात का फैसला करने के लिए विधायिका की राह में नहीं आ रहा है कि किसे सदन का विश्वास हासिल है।

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मामले में सुनवाई के अंतिम समय में आज कोर्ट ने कांग्रेस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा अगर विधायक कल आपके सामने पेश होते हैं, तो क्या आप इनका इस्तीफा स्वीकार करेंगे? जिसपर बागी विधायकों के वकील मनिंदर सिंह इसका विरोध करते हुए कहा कि हम स्पीकर के सामने पेश नहीं हो सकते, हमारी सुरक्षा को खतरा है।

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गौरतलब है कि राज्यसभा सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह आज सुबह अपने बंधक विधायकों से मिलने बेंगलुरु पहुंचे थे, उनके साथ मंत्री तरूण भनोत, कांतीलाल भूरिया, सज्जन सिंह वर्मा, हर्ष यादव, सचिन यादव व कुणाल चौधरी भी मौजूद थे। उसके बाद वे रामदा होटल पहुंचे जहां कांग्रेस समर्थकों के साथ बीजेपी के ऑपरेशन लोटस के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होने कहा कि बीजेपी का यह अलोकतांत्रिक कृत्य साबित करता है कि वे न सिर्फ बंधक हैं बल्कि विधायकों की जान भी खतरे में है।

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जिसके बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि विधायक निजी नागरिक नहीं हैं। वो लाखों जनता वोटरों के प्रतिनिधि हैं। विधायक को अगर कोई संकट है तो संवैधानिक व्यवस्था है कि वे स्पीकर को मिलें, या सदन पटल पर बोलें या पार्टी के अधिकृत प्रतिनिधियों से कहें, अन्य कोई भी तरीक़ा लोकतंत्र का अपहरण है।

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कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि मैं बेंगलूरू में अपने विधायकों से मिलने आया हूं। कर्नाटक पुलिस हमें मिलने नहीं दे रही है, मैं गांधीवादी हूं, निहत्था हूं, उनकी सुरक्षा के लिए कोई ख़तरा नहीं हूं। मैं गुप्त रूप से नहीं, खुलेआम मिलने आया हूं लेकिन बीजेपी उन्हें तालाबंद रखना चाहती है और लोकतंत्र का अपहरण कर लिया है।

विधायकों को मनाने बेंगलुरू पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की एक बार फिर विधायकों की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों से विवाद हुआ, दिग्विजय ने ट्वीट कर जानकारी दी और पुलिस से हो रही बहस का वीडियो भी जारी किया, दिग्विजय सिंह के पहुंचने पर पुलिस के आला अधिकारी होटल पहुंचे। फिर दिग्विजय ने ट्वीट करते हुए कहा कि “मैं बेंगलुरु के रमादा होटल पहुंच गया हूं, पुलिस हमें रोक रही है” पुलिस विधायकों से मिलने नहीं जाने दे रही, कांग्रेस विधायकों से मिलने से रोक रही है बेंगलुरु पुलिस। ​इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कांग्रेस विधायकों से मिलने के लिए धरने पर बैठ गए।

जिसके बाद उन्हे हिरासत में ले लिया गया, बाद में एमपी कांग्रेस के सभी नेताओं को जमानत दी गई, इस दौरान उन्होने कर्नाटक ​सीएम से मिलने का समय मांगा लेकिन कर्नाटक सीएम ने नहीं दिया मिलने का समय, वहीं पुलिस कमिश्नर ने दिग्विजय सिंह से मुलाकात की।

इसके बाद सिंधिया समर्थक विधायकों का फिर वीडियो सामने आया,​ यह वीडियो दिग्विजय सिंह के बेंगलुरु पहुंचने के बाद जारी किया गया, जिसमें विधायकों ने कहा कि दिग्विजय सिंह ने पूरी कांग्रेस बर्बाद कर दी है, हम ऐसी कांग्रेस में नहीं रहना चाहते जिसमें दिग्विजय सिंह हो। विधायकों ने बेंगलुरु पुलिस सेसुरक्षा की गुहार लगाते हुए कहा​ कि हम दिग्विजय सिंह से नहीं मिलना चाहते है। विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर कहा है कि हम कांग्रेस और उनके नेताओं से मिलने के लिए मजबूर नहीं हैं।