मिशन कोरोना…एक देश…कई सुर… PM के साथ हुई बैठक के बाद हालात बदलेंगे?

मिशन कोरोना...एक देश...कई सुर... PM के साथ हुई बैठक के बाद हालात बदलेंगे?

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  • Publish Date - April 23, 2021 / 05:29 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:59 PM IST

भोपाल: देश में कोरोना की दूसरी लहर ने प्रदेश के स्वास्थ्य सेवाओँ को लेकर किए जा रहे हर इंतजाम को बौना सिद्ध किया है। ऐसे कठिन दौर में देश के प्रधानमंत्री ने उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को साथ वर्चुअली बैठक कर समीक्षा की, जहां इस वक्त कोरोना को लेकर सबसे कठिन हालात हैं। इस बैठक में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने राज्यों को कुछ जरूरी निर्देश दिए हैं तो मुख्यमंत्री ने राज्य के हालात बताते हुए मदद मांगी है। इसका असर दिखना शुरू तो हुआ है, लेकिन व्यवस्था को बनाने में, संसाधनों को जुटाने में और प्रदेश वासियों को जमीन पर मदद मिलने में कितना वक्त लगेगा ये बताने की स्थिति में फिलहाल कोई नहीं है। 

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मध्य प्रदेश सरकार के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव का सोशल मीडिया पर दिया ये डॉक्टर्स भर्ती विज्ञापन कतई सरकारी नहीं है , बल्कि मंत्री गोपाल भार्गव ने सागर के गढ़ाकोट में जो 70 बेड का कोविड केयर सेंटर शुरू किया है। उसके लिए डॉक्टर्स ही नहीं मिल पा रहे हैं, इसीलिए अब भार्गव ने डॉक्टर को जॉब ऑफर किया है। इस विज्ञापन से साफ है कि एक मंत्री को कोविड सेंटर के लिए मनमाने दाम पर भी डॉक्टर्स नहीं मिल रहे हैं। इन हालात के बीच देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश के 10 सर्वाधिक कोरोना प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री से चर्चा की। हालात की समीक्षा कर कुछ जरूरी निर्देश दिए। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी मोदी को राज्य के हालात की जानकारी दी। मंथन के बाद प्रदेश सरकार ने फिर दावा किया कि जल्द ही हालात काबू होंगे। 

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मध्य प्रदेश में बने आपातकाल जैसे हालात के बीच सीएम शिवराज और पीएम मोदी की इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण बताया गया, जिसमें सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी, राज्य की कुछ मांगों को रखा। इधर,विपक्ष का आरोप है कि मीटिंग और समीक्षा का दौर तो लगातार चलता है पर जमीन पर हालात जस के तस हैं। 

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कोरोना की दूसरी लहर हर लिहाज से बेहद कठिन हालात लाई है। केंद्र-राज्य हर तरफ से इंतजाम के दावों के बीच प्रदेश में स्वास्थ्य संसाधनों के हालात किसी से छिपे नहीं हैं। ऑक्सीजन की कमी तो बड़ा चैलेंज है ही बिस्तर की कमी, दवाओं की आपूर्ति भी पूरी तरह से काबू में नहीं है। हालांकि अब तो ऑक्सीजन सप्लाई के लिए वायु सेना तक की मदद ली जा रही है, पर साथ ही अस्पतालों में अब भी ऑक्सीजन की कमी से मरीजों के दम तोड़ने और उस पर भारी हंगामे की खबरें लगातार आ रही हैं। सवाल है PM के साथ हुई बैठक के बाद हालात बदलेंगे?

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