इस ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक करने के बाद ही मिलता है चारों धाम की यात्रा का पुण्य, यहां स्वयंभू प्रकट हुए थे भगवान भोलनाथ | Only after Jalabhishek of this Jyotirlinga do you get the blessings of the journey of the four Dham Lord Bholanath appeared here

इस ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक करने के बाद ही मिलता है चारों धाम की यात्रा का पुण्य, यहां स्वयंभू प्रकट हुए थे भगवान भोलनाथ

इस ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक करने के बाद ही मिलता है चारों धाम की यात्रा का पुण्य, यहां स्वयंभू प्रकट हुए थे भगवान भोलनाथ

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : December 10, 2020/9:45 am IST

धर्म। शिव के अनेक रूप…शिव की असीम शक्ति…शिव के अनेक धाम…शिव के अनेक नाम..जी हां…एक ऐसा ही दिव्य धाम है ओंकारेश्वर ….जो मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। भगवान महादेव यहां ओंकारनाथ के नाम से पूजे जाते हैं। चारों ओर से नर्मदा की गोद में होने से ओंकार पर्वत का धार्मिक महत्व काफी बढ़ जाता है, लेकिन जहां महादेव स्वयं विराजे हों…उस स्थल की दिव्यता का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

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यहां हजारों वर्ष पुराना विशाल ज्योतिर्लिंग चमत्कार का अलख जगाता है। यहां कल्याणकारी भोले भंडारी का जीवंत स्वयंभू शिवलिंग है। जिसके चलते यहां बहती है भक्ति की गंगा….यहां गूंजता है देवों के देव महादेव का जयघोष, ओंकारनाथ का ये मंदिर काफी विशाल है, इसके गर्भ में स्थित ज्योतिर्लिंग की किसी संत या महात्मा ने स्थापना नहीं की थी, बल्कि भगवान भोलेनाथ यहां स्वयंभू प्रकट हुए थे।

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महादेव ने भगवान श्रीराम के पूर्वज राजा मांधाता की घोर तपस्या के बाद यहां दर्शन दिए थे, तभी से यहां पर ये ज्योतिर्लिंग स्थित है। भूगर्भ में मां नर्मदा की मूर्ति भी स्थापित है। यहां आने वाले श्रद्धालु पहले नर्मदा में स्नान करते हैं। फिर ओंकारेश्वर के दर्शन कर पुण्य अर्जित करते हैं। पुराणों में लिखा है कि अगर आपने चारों धाम की तीर्थ यात्रा की है तो गंगा जल लेकर अंत में ओंकारेश्वर पहुंचना चाहिए। इस जल से भगवान ओंकारनाथ का जलाभिषेक करने के बाद ही चारों धाम यात्रा का पुण्य मिलता है ।

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ओंकारेश्वर में पूरे वर्ष धार्मिक आयोजन होते हैं। यहां पर देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोई समय का बंधन नहीं है। महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां 10 से 12 लाख श्रद्धालुओं यहां पहुंचते हैं, जो तीन दिनों तक दर्शन करते हैं। संत महात्माओं के मुताबिक भगवान भोलेनाथ का महाशिवरात्रि पर दर्शन करने से सभी कष्ट दूर होते हैं ।  युगों-युगों से ये धाम महादेव की दिव्य उपस्थिति का आभास कराता रहा है, तभी तो भगवान भोलेनाथ की आराधना करने वाले श्रद्धालु ओंकारनाथ धाम की यात्रा कर खुद को धन्य समझते हैं ।