बारिश और ओलावृष्टि ने तोड़ी किसानों की कमर, हजारों एकड़ टमाटर और अन्य फसलें बर्बाद

बारिश और ओलावृष्टि ने तोड़ी किसानों की कमर, हजारों एकड़ टमाटर और अन्य फसलें बर्बाद

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  • Publish Date - March 19, 2019 / 12:00 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:53 PM IST

उमरिया। मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में हुई लगातार बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है। जिले में बीते दो दिन की बारिश और ओलावृष्टि किसानों के लिए आफत बनकर आई और चली गई। किसानों की लाखों की सब्जी और फसल खेतों में नष्ट हो गई। प्रकृति की इस मार से किसान परेशान और आजीविका के लिए चिंतित भी हैं।

किसानों की माने तो बाज़ार में टमाटर के अच्छे भाव मिलने शुरू ही हुए थे कि जोरदार बारिश और ओलावृष्टि ने उनके लाभ का गणित बिगाड़ दिया है। अब वे अपनी व्यथा लेकर कहां जाएं। जिम्मेदार अफसरों ने भी अभी तक किसानों के खेतों के रुख नही किया है। उमारिया जिले में 14 हजार हेक्टेयर में सब्जी की फसल की बोआई पंजीकृत है। इसमे से किसान 4 हजार हेक्टेयर में केवल टमाटर की फसल का उत्पादन कर रहे थे। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि का कहर जिले के लोढ़ा सहित दर्जनों ग्रामो में बरसा है, जिससे सैकड़ों किसान प्रभावित हुए हैं। किसानों की सब्जी के अलावा रबी सीजन की गेंहू, चना राई और अरहर की फसल भी प्रभावित हुई है। जिम्मेदार अफसरों ने सर्वे के बाद किसानों को राहत देने के बाद कही है।

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बता दें उमारिया जिला दो तिहाई वन क्षेत्र से घिरा है, जिसके कारण यहां आज तक वैकल्पिक रोजगार के लिए कोई उद्योग धंधा स्थापित नही हो पाया। लिहाजा खेती-किसानी ही यहां के निवासियों के लिए आजीविका का मुख्य स्रोत है, लेकिन प्रकृति के आगे सब बेबस नजर आ रहे हैं। एक ओर जंगली जानवर किसानों की फसल तो तबाह कर ही रहे हैं वहीं दूसरी ओर प्रकृति भी किसानों की कमर तोड़ने पर आमादा है। ऐसे में देखना है कि मुआवजे का सरकारी मरहम किसानों को कितना फायदेमंद साबित होता है।