आयरन लेडी को 'इनाम' ! तबादले पर गरमाई सियासत | 'Reward' to the Iron Lady! Politics heats up on transfer

आयरन लेडी को ‘इनाम’ ! तबादले पर गरमाई सियासत

आयरन लेडी को 'इनाम' ! तबादले पर गरमाई सियासत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:45 PM IST, Published Date : July 15, 2021/5:56 pm IST

भोपाल । चंबल में रेत माफिया पर नकेल कसने वालीं वन विभाग की एसडीओ श्रद्धा पांढरे का मुरैना से तबादला कर दिया गया है, हाल ही में उन्होंने महिला थाने के निर्माण में चंबल की रेत का उपयोग होते हुए पकड़ा था। इस मामले में पुलिस और रेत माफिया की सांठगांठ खुल कर सामने आ गई थी। जिसके बाद लगातार सरकार की किरकिरी हो रही थी। महिला एसडीओ के ट्रांसफर पर कांग्रेस, शिवराज सरकार को घेर रही है, तो वहीं बीजेपी कह रही है.. ट्रांसफार एक रूटीन प्रक्रिया है। इन सबके बीच श्रद्धा कहती है.. मुझे पता था, मेरा ट्रांसफार होना है। अब सवाल ये है कि…. चंबल की आयरन लेडी को माफिया से मुकाबले का ‘इनाम’ मिली या सजा ?

चंबल की लेडी सिंघम कहलाने वाली एसडीओ श्रद्धा पांढरे अपनी निडर कार्रवाई को लेकर हमेशा चर्चा में रहीं। इन कार्रवाइयों ने न सिर्फ रेत माफिया की बल्कि पुलिस-प्रशाशन और राजनेताओं की भी नींद हराम कर दी थी। महज 3 महीने की कार्रवाई में पांढरे पर 15 बार हमले भी हुए, बावजूद इसके माफिया के खिलाफ नकेल कसने से पीछे नहीं हटी..और 60 वाहन राजसात किए। श्रद्धा पांढरे अब चंबल में नही दिखेंगी, उनका तबादला बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व कर दिया गया है।

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राज्य सरकार की ओर से श्रद्धा पांढरे के ट्रांसफर का आदेश जारी होते ही सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने महिला SDO के तबादले पर राज्य सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया कि ‘चंबल में रेत माफिया के सामने सरकार का सरेंडर..15 हमले सहने वाली आयरन लेडी SDO का तबादला..माफिया को नहीं ईमानदारों को गड्ढे में गाड़ रहे..भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस ?
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि..सरकार माफिया के दबाव में झुक गई है।

चंबल में रेत माफिया के खिलाफ दंबगई से कार्रवाई करने वाली एसडीओ श्रद्धा पांढरे पहली बार तब सुर्खियों में आई, जब उन्होंने पुलिस विभाग के लिए हाउसिंग कारपोरेशन द्वारा बनाए जा रहे मुरैना के महिला थाने में उपयोग हो रहे चंबल रेत के खिलाफ आवाज उठाई थी, संभवत: ये जिले का पहला ऐसा मामला था, तब किसी सरकारी एजेंसी के खिलाफ FIR दर्ज हुई हो, बस यहीं से पुलिस व प्रशासनिक विभाग सहित राजनेता उनके खिलाफ हो गए। वन विभाग तो पहले भी उनके खिलाफ था, हालांकि श्रद्धा पंढरे के ट्रांसफर को बीजेपी रूटीन प्रक्रिया बता रही है।

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सत्ता पक्ष भले तबादला को रूटीन प्रक्रिया बता रहा हो लेकिन चंबल का इतिहास रहा है जिस अधिकारी ने माफिया और नेताओं की गिरेबां को नापने की कोशिश की है, वो ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाया है। SDO श्रद्धा पांढरे का तबादला भी उसी कड़ी का हिस्सा है ये बड़ा सवाल है, सवाल ये भी कि क्या चंबल से बांधवगढ़ ट्रांसफर कर आयरन लेडी को वाकई इनाम दिया गया..?

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