इलेक्ट्रॉनिक मीटर रिप्लेस करने की योजना की सुस्त रफ्तार, डिजिटल मीटर लगाने नहीं हो पाया प्रर्याप्त फंड का आवंटन
इलेक्ट्रॉनिक मीटर रिप्लेस करने की योजना की सुस्त रफ्तार, डिजिटल मीटर लगाने नहीं हो पाया प्रर्याप्त फंड का आवंटन
रायपुर । छत्तीसगढ़ में विद्युत विभाग की घरों में लगे इलेक्ट्रॉनिक मीटर को डिजिटल मीटर से रिप्लेस करने की योजना रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है। विभाग ने योजना के पहले चरण में 4 शहरों का चयन किया था जिसमें अंबिकापुर, कोरबा रायगढ़ और राजनांदगांव को शामिल किया गया था। लेकिन इनमें से अब तक सिर्फ 2 शहरों के लिए ही प्रक्रिया शुरु हो सकी है।
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अंबिकापुर, कोरबा रायगढ़ और राजनांदगांव शहरों में उपभोक्ता की संख्या लाखों में हैं, जिनके मीटर बदले जाने थे, इस पर लागत लगभग 220 करोड़ रुपए आंकी गई है । हालांकि साल भर बाद भी सरकार की यह योजना सिर्फ कागज़ो तक ही सीमित है ।
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस योजना के लिए लगभग 194 करोड़ रुपए की ही स्वीकृति मिली है। ऐसे में अतिरिक्त राशि कहां से आएगी, इसको लेकर पेंच फंसा हुआ है। यही कारण है कि विद्युत कंपनी ने अब तक स्मार्ट मीटर लगाने वाली एजेंसी तय नहीं की है। दरअसल, डिजिटल टेक्नोलॉजी के तहत स्मार्ट मीटर लगाए जाने थे जो टू वे सिस्टम पर काम करता है। इसके लगने से मीडर रिडिंग से लेकर गड़बड़ी तक की शिकायत तुरंत दूर हो सकेगी ।
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