ग्रामीणों को नहीं काटना पड़ेगा विभाग के चक्कर, हैंडपंप खुद कहेगा मैं बिगड़ गया हूं

ग्रामीणों को नहीं काटना पड़ेगा विभाग के चक्कर, हैंडपंप खुद कहेगा मैं बिगड़ गया हूं

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  • Publish Date - February 19, 2019 / 06:29 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:14 PM IST

कोरबा। जिले में अब हैंडपंप खराब होने की सूचना देने ग्रामीणों को विभाग के चक्कर नहीं लगाना होगा । हैण्ड पंप ट्रैकर एप्प के जरिए इसकी जानकारी ऑनलाइन दर्ज हो सकेगी। अधिकारी प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई भी करेंगे । उच्चाधिकारी लगातार इसके संबंध में मॉनिटरिंग भी करेंगे। मोबाइल एप्प के जरिए हैण्डपम्पों की ताजा स्थिति को देखा जा सकेगा और रख-रखाव कार्य की नियमित मॉनिटरिंग आसानी से हो सकेगी। अगर तकनीकी खरीबी से कोई हैण्ड पम्प बंद हो जाए तो उसका फोटो और जीपीएस आधारित लोकेशन इस मोबाइल एप्प में दर्ज हो जाएगा। इस मोबाइल एप्प का एक फायदा यह भी है कि इसमें संकलित होने वाले आंकड़ों के आधार पर किसी स्थान विशेष के भू-जल स्तर की भी रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा सकेगी ।

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जल स्तर में संभावित गिरावट का पूर्वा अनुमान भी लगाया जा सकेगा। इस तरह के पूर्वा अनुमानों से जल संवर्धन के कार्य भी किए जा सकेंगे। इतना ही नहीं बल्कि ऐसे हैण्ड पम्पों की मरम्मत के बाद उनके उपयोगकर्ता भी उनके फोटो इस मोबाइल एप्प में अपलोड कर सकेंगे। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक इससे अब उन्हे किसी गांव में हैंण्डपंप बंद होने की सूचना पर गांव के सभी हैंण्डपंपों को चेक नहीं करना होगा बल्कि सीधे एप्प में दर्ज हैंडपंप तक पहुंचने में आसानी होगी व सुधार कार्य तेज हो सकेगा।