विश्व हाथी दिवस, इस राज्य में हर 3 दिन में होती है 1 गजराज की मौत, इधर केंद्र को भेजा गया प्रोजेक्ट एलीफेंट का प्रस्ताव

विश्व हाथी दिवस, इस राज्य में हर 3 दिन में होती है 1 गजराज की मौत, इधर केंद्र को भेजा गया प्रोजेक्ट एलीफेंट का प्रस्ताव

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  • Publish Date - August 12, 2020 / 08:31 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:54 PM IST

जबलपुर । आज पूरी दुनिया में विश्व हाथी दिवस मनाया जा रहा है। 12 अगस्त 2012 से विश्व हाथी दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी जिसका मकसद हाथियों के संरक्षण के लिए जागरुकता फैलाना है। धरती के सबसे बड़े इस वन्यपशु का संरक्षण इसीलिए भी जरुरी है क्योंकि देश में हाथियों की संख्या तेजी से घटी है।  एक दशक पहले तक भारत में 1 लाख से ज्यादा हाथी हुआ करते थे लेकिन अब देश में हाथियों की संख्या 27 हजार से भी कम है।

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हाथियों के शिकार और मौत के लिए केरल सबसे ज्यादा बदनाम है, जहां हर 3 दिन में 1 हाथी की मौत हो जाने की बात कही जाती है। हाथियों का संरक्षण और उन्हें आबादी वाले इलाकों में घुसने से रोकना आज भी चुनौती  है, इसके लिए देश के जंगलों के बीच हाथियों के गलियारे यानि एलीफेंट कॉरीडोर चिन्हित किए गए हैं जिनका संरक्षण जरुरी है।

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इधर मध्यप्रदेश की बात करें तो प्रदेश के टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्क  में बड़ी संख्या में हाथियों की मौजूदगी है।  खासकर बांधवगढ़ नेशनल पार्क में दिसंबर 2018 के बाद जंगली हाथियों का झुण्ड पहुंचा था, जिसने बांधवगढ़ के जंगलों को अपना आशियाना बना लिया है।  बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में जब बाघों का जनसंख्या घनत्व सबसे ज्यादा है तो यहां माना जा रहा है, कि जंगली हाथियों की मौजूदगी से ना सिर्फ टाईगर का मूमेंट प्रभावित हो रहा है बल्कि जंगली हाथी भी अक्सर पार्क से लगे गांवों में घुस जाते हैं, ऐसे में अब बांधवगढ़ नेशनल पार्क प्रबंधन ने प्रोजेक्ट टाइगर की तरह यहां प्रोजेक्ट एलीफेंट शुरु करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा है, उम्मीद है कि इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने के बाद बाघों की तरह हाथियों का भी संरक्षण हो सकेगा।