मेघालय में 10 वर्ष पहले प्रतिबंध लगाने के बावजूद 26 हजार ‘रैट होल’ कोयला खदान अब भी चालू

मेघालय में 10 वर्ष पहले प्रतिबंध लगाने के बावजूद 26 हजार ‘रैट होल’ कोयला खदान अब भी चालू

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  • Publish Date - May 8, 2024 / 09:16 PM IST,
    Updated On - May 8, 2024 / 09:16 PM IST

शिलांग, आठ मई (भाषा) मेघालय के पूर्वी जयंतिया जिले में परित्यक्त कोयले की 26 हजार ‘रैट होल ’ खदानों में से एक को भी प्रतिबंध के आदेश के बावजूद बंद नहीं किया गया है जिनसे मनुष्यों के साथ-साथ मवेशियों पर भी मौत का खतरा मंडरा रहा है। मेघालय उच्च न्यायालय को यह जानकारी उसके द्वारा गठित समिति ने दी है।

राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने करीब 10 साल पहले मेघालय में ‘रैटहोल’ खदानों और कोयले के परिवहन पर रोक लगा दी थी।

अदालत द्वारा गठित एक सदस्यीय समिति ने मंगलवार को 22वीं अंतरिम रिपोर्ट में कहा कि खनन कर चुके करीब 14 लाख मीट्रिक टन कोयला का परिवहन किया जाना है।

समिति ने कहा, ‘‘ परित्यक्त एक भी खदान को अबतक बंद नहीं किया गया है और उन्हें बंद करने की प्रक्रिया अब भी शुरुआती चरण में हैं या कहें सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टिट्यूट लिमिटेड(सीएमपीडीआई) की ओर से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है।’’

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ यह रिकॉर्ड में दर्ज है कि अकेले पूर्वी जयंतिया जिले में करीब 26 हजार ‘रैटहोल’ खदान हैं जिन्हें बंद करने की जरूरत है क्योंकि ‘रैट होल’ खदानों में खनन पर रोक है ताकि जनहानि और मवेशियों पर खतरे को टाला जा सके।’’

इसमें कहा गया कि अन्य जिलों पश्चिमी खासी हिल्स, दक्षिणी खासी हिल्स और दक्षिणी गारो हिल्स के जिलों में मौजूद ‘रैट होल’ खदानों पर विचार नहीं किया गया है।

‘रैट होल’ खदान में मजदूर एक संकरी सुरंग के रास्ते खदान में कोयला निकालने के लिए प्रवेश करते हैं। यह सुरंग आमतौर पर तीन से चार फीट चौड़ी होती है।

भाषा

धीरज पवनेश

पवनेश