महापौर चुनाव स्थगित किये जाने पर आप, भाजपा के बीच आरोप प्रत्यारोप

महापौर चुनाव स्थगित किये जाने पर आप, भाजपा के बीच आरोप प्रत्यारोप

  •  
  • Publish Date - April 26, 2024 / 09:43 PM IST,
    Updated On - April 26, 2024 / 09:43 PM IST

(फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (भाषा) दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के सदन की बैठक में भारी हंगामे के बाद आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को महापौर चुनाव स्थगित करने को लेकर एक-दूसरे पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया।

चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं होने के कारण महापौर और उप महापौर के चुनाव के लिए चुनाव बृहस्पतिवार देर रात स्थगित कर दिया गया। महापौर चुनाव का तीसरा कार्यकाल दलित उम्मीदवार के लिए आरक्षित है।

एमसीडी के महापौर चुनाव को स्थगित करने को लेकर शुक्रवार को सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ। कार्यवाही शुरू होने से पहले आप और भाजपा दोनों के पार्षदों ने एक-दूसरे के खिलाफ नारे लगाए।

भाजपा के पार्षद महापौर की सीट के पास एकत्र हो गए और महापौर शैली ओबेरॉय की उपस्थिति की मांग करते हुए नारे लगाए। ओबेरॉय सदन में देरी से पहुंचीं।

आप पार्षदों ने पहले तो निगम मुख्यालय में आंबेडकर प्रतिमा के पास भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की। बाद में, वे सदन पहुंचे और भाजपा के खिलाफ नारे लगाते रहे और उसे ‘दलित विरोधी’ कहा।

आप ने भाजपा को ‘दलित विरोधी’ करार देते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि आरक्षित वर्ग का कोई उम्मीदवार दिल्ली का महापौर न बने। दोनों पार्टियों के पार्षदों ने करीब एक घंटे तक एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की।

सदन में पहुंचने के बाद महापौर ओबेरॉय ने दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना पर ‘‘संविधान की हत्या’’ करने और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को एक ‘‘बहाने’’ के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।

इसके बाद महापौर ने निगम सदन की बैठक स्थगित कर दी।

सदन स्थगित होने के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ओबेरॉय ने भाजपा पर चुनाव होने से रोकने के लिए ‘‘साजिश’’ रचने का आरोप लगाया।

ओबेरॉय ने कहा, ‘‘आज महापौर का चुनाव होना था। निर्वाचन आयोग ने 24 अप्रैल को इसकी अनुमति भी दे दी थी। लेकिन कल निर्वाचित सरकार को दरकिनार कर पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति की फाइल उपराज्यपाल के पास भेज दी गई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘फाइल पर उपराज्यपाल साहब का यह जवाब कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की टिप्पणी के अभाव में उनके पास पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने की शक्ति नहीं है, ओछी राजनीति है।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा ने चुनाव टालने की साजिश रची है। ओबेरॉय ने कहा, ‘‘अगर यह लोकतंत्र की हत्या नहीं है, तो क्या है? लोकसभा चुनाव (दिल्ली में) जल्द ही होंगे। वे नहीं चाहते कि चुनाव से पहले आप का उम्मीदवार महापौर बने।’’

इस बीच, सत्र स्थगित होने के बाद भाजपा पार्षद सदन के अंदर भाजपा के प्रचार गीत पर डांस करते नजर आए।

वीडियो को महापौर और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज और आतिशी सहित आप के कई नेताओं ने साझा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि आप के दलित उम्मीदवार को महापौर नहीं चुने जाने पर भाजपा जश्न मना रही है।

आतिशी ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट वीडियो के कैप्शन में लिखा, ‘‘भाजपा पार्षदों की खुशी देखिए कि एक दलित महापौर नहीं बना।’’

आरोप पर पलटवार करते हुए विपक्ष के नेता राजा इकबाल ने आम आदमी पार्टी को ‘‘दलित विरोधी’’ करार दिया और चुनाव कराने के लिए समय पर आवश्यक मंजूरी नहीं लेने को पार्टी की ‘‘प्रक्रियात्मक गलती’’ बताया।

उन्होंने कहा, ‘‘आम आदमी पार्टी दलित विरोधी है। वे नहीं चाहते थे कि चुनाव हों। अगर ऐसा नहीं होता, तो उन्होंने चुनाव कराने के लिए सभी आवश्यक अनुमति पहले ही ले ली होती।’’

उन्होंने सदन की बैठक में देर से आने के लिए महापौर की भी आलोचना की। इकबाल ने ओबेरॉय पर निशाना साधते हुए कहा कि महापौर अनुशासनहीन हैं और समय की कीमत नहीं जानतीं।

एमसीडी के महापौर और उपमहापौर के पदों के लिए 26 अप्रैल को होने वाले चुनाव को स्थगित करते हुए उपराज्यपाल सक्सेना ने कहा कि मुख्यमंत्री विचाराधीन कैदी के रूप में न्यायिक हिरासत में हैं और वह अपने संवैधानिक रूप से बाध्य कार्यों का निर्वहन नहीं कर सकते हैं।

राजनिवास द्वारा सक्सेना की ओर से एक पत्र जारी करने के बाद नगर निगम ने महापौर चुनाव स्थगित कर दिया। पत्र में कहा गया कि मुख्यमंत्री संवैधानिक कार्यों का निर्वहन नहीं कर सकते इसलिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं की जा सकती।

आप ने आरोप लगाया कि भाजपा के इशारे पर चुनाव स्थगित किया गया।

भाषा आशीष माधव

माधव