कांग्रेस ने सूरत लोकसभा सीट से पार्टी उम्मीदवार के प्रस्तावकों के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी

कांग्रेस ने सूरत लोकसभा सीट से पार्टी उम्मीदवार के प्रस्तावकों के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी

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  • Publish Date - May 6, 2024 / 10:33 PM IST,
    Updated On - May 6, 2024 / 10:33 PM IST

सूरत, छह मई (भाषा) कांग्रेस ने सोमवार को सूरत पुलिस आयुक्त को एक शिकायत देकर पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार नीलेश कुंभाणी के तीन प्रस्तावकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। कुंभाणी का गुजरात के सूरत से नामांकन पत्र उनके प्रस्तावकों के यह दावा करने के बाद खारिज कर दिया गया था कि फॉर्म पर उनके हस्ताक्षर जाली हैं।

सूरत कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ की शिकायत में पिछले महीने नामांकन पत्र खारिज किये जाने के संबंध में निर्वाचन अधिकारी एवं जिला कलेक्टर सौरभ पारधी के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई है।

विपक्षी दल कांग्रेस ने जालसाजी से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत कार्रवाई की मांग की।

सूरत के पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गहलोत को सौंपी गई शिकायत में, पार्टी कार्यकर्ता अशोक पिंपले ने आरोप लगाया कि कुंभाणी के तीन प्रस्तावकों – रमेश पोलरा, जगदीश सावलिया और ध्रुविन धमेलिया ने जानबूझकर यह सुनिश्चित किया कि उनका (कुंभाणी) नामांकन पत्र खारिज हो जाए और वह चुनाव लड़ने से अयोग्य हो जाएं।

कांग्रेस के जोनल प्रवक्ता जमीर शेख ने कहा, ‘‘यह तय करना दीवानी अदालत का काम है कि हस्ताक्षर जाली थे या नहीं। कुंभाणी के मामले में, जिलाधिकारी (निर्वाचन अधिकारी के रूप में) ने हस्ताक्षर की प्रामाणिकता पर फैसला किया, जबकि उनके पास इसके लिए शक्ति न थी।’

उन्होंने कहा कि जब तीन प्रस्तावकों ने सूरत जिले के ओलपाड शहर में डिप्टी कलेक्टर से नामांकन पत्र के साथ संलग्न करने के लिए प्रमाणपत्र प्राप्त किया, जिससे साबित होता है कि वे उसी निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता हैं, तो उन्होंने अधिकारी के समक्ष अवश्य हस्ताक्षर किए होंगे।

शेख ने कहा, ‘‘नामांकन पत्रों की जांच करते समय, निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने हस्ताक्षरों में विसंगतियों के बारे में निर्णय करते समय प्रस्तावकों के हस्ताक्षरों की जांच नहीं की, जिनका उपयोग डिप्टी कलेक्टर द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए किया गया था, जिसके कारण उम्मीदवार का फॉर्म खारिज कर दिया गया।’

शिकायतकर्ता ने मामले में कथित संलिप्तता के लिए सूरत लोकसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी पारधी के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की।

उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को अयोग्य ठहराने के निर्वाचन अधिकारी के फैसले की आलोचना की और कहा कि उन्होंने निष्पक्षता से काम नहीं किया।

सूरत के पुलिस आयुक्त ने कहा कि पुलिस को मिली शिकायत के संबंध में जांच की जा रही है और निर्वाचन आयोग (ईसी) के दिशानिर्देशों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

गुजरात कांग्रेस ने 26 अप्रैल को कुंभाणी को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया था। उससे कुछ दिनों पहले विसंगतियों के कारण उनका नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया था, जिससे भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल सूरत लोकसभा सीट से निर्विरोध निर्वाचित हो गए थे।

कांग्रेस के एक बयान में कहा गया कि कुंभाणी का नामांकन पत्र उनकी घोर लापरवाही या ‘भाजपा की मिलीभगत’ के कारण खारिज किया गया।

भाषा अमित दिलीप

दिलीप