आप ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में केजरीवाल को बदनाम करने को लेकर भाजपा से माफी की मांग की
आप ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में केजरीवाल को बदनाम करने को लेकर भाजपा से माफी की मांग की
नयी दिल्ली, आठ मई (भाषा) आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बदनाम करने और अब रद्द की जा चुकी आबकारी नीति बनाने एवं उसे लागू करने के संबंध में उनकी पार्टी पर झूठे आरोप लगाने के लिए माफी की मांग की।
आप की यह टिप्पणी दिल्ली की एक अदालत द्वारा शनिवार को दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धनशोधन मामले में दो आरोपियों को जमानत दिए जाने के बाद आयी है।
अदालत ने कहा कि आरोपी राजेश जोशी और गौतम मल्होत्रा के खिलाफ सबूत उनके खिलाफ मामले को प्रथम दृष्टया ‘वास्तविक’ माने जाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के इशारे पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बदनाम करने की बहुत बड़ी साजिश रची गई।’’
उन्होंने यह रेखांकित किया कि कैसे ईडी अदालत में मल्होत्रा और जोशी के खिलाफ एक भी सबूत पेश नहीं कर सका। उन्होंने कहा, ‘‘फर्जी आबकारी नीति मामले में हाल के अदालती आदेश से निर्विवाद रूप से पता चलता है कि शराब घोटाले जैसी कोई चीज नहीं थी। इसने भाजपा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा हमारे सम्मानित नेता अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की छवि खराब करने के उद्देश्य से रची गई गहरी दुर्भावनापूर्ण साजिश को उजागर कर दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, सच्चाई की जीत हुई है कि उनके दावों का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं है और यह भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी को उनके कृत्यों के लिए जवाबदेह ठहराने का समय है।’’
सिंह ने भाजपा पर निराधार आरोप लगाने का आरोप लगाया और इस बात पर जोर दिया कि ‘तथाकथित शराब घोटाला मामले में किसी तथ्यात्मक या साक्ष्य आधार का अभाव है।’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन खुलासों के आलोक में, भाजपा को पूरे देश, केजरीवाल और आम आदमी पार्टी से ‘बिना शर्त’ माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘अगर उनके पास रत्ती भर भी शर्म है, तो उन्हें अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए और यह झूठा और निराधार घोटाला गढ़ने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।’’
उन्होंने विवरण साझा करते हुए कहा कि जब ईडी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अपनी जांच शुरू की, तो एजेंसियों ने शुरू में दावा किया था कि इसमें 100 करोड़ रुपये की राशि शामिल थी। उन्होंने कहा कि हालांकि, बाद में यह पता चला कि उनके पास 70 करोड़ के बारे में कोई सबूत या जानकारी नहीं है।
उन्होंने दावा किया कि एजेंसियों ने अपने आरोपपत्र में गलत सूचना शामिल की थी, जिसमें कहा गया था कि राजेश जोशी नाम के एक विक्रेता को दक्षिण भारत में एक शराब के कारोबार से 30 करोड़ रुपये मिले थे और यह राशि गोवा चुनाव के दौरान राजेश जोशी के माध्यम से खर्च की गई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘अदालत ने 30 करोड़ के आरोप के आधार पर भी सवाल उठाया, जिसका एजेंसियों के पास कोई जवाब नहीं था। अदालत के हालिया आदेश से पता चलता है कि कथित आबकारी मामले में धन का कोई गबन नहीं हुआ है।’’
सिंह ने कहा कि एजेंसियों की जांच में पुष्टि हुई है कि आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव के दौरान महज 19 लाख रुपये नकद खर्च किए। उन्होंने कहा, ‘‘यह जानकारी खुद केंद्रीय जांच एजेंसियों ने दी है। ईडी-सीबीआई की जांच ने साबित कर दिया है कि आप भारत की सबसे ईमानदार पार्टी है। हम अपनी पार्टी के पारदर्शिता, जवाबदेही और आम लोगों के कल्याण के मूल सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध हैं।’’
भाषा अमित माधव
माधव

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