अभिषेक बनर्जी ने एसआईआर को लेकर भाजपा पर निशाना साधा, बड़े आंदोलन की चेतावनी दी
अभिषेक बनर्जी ने एसआईआर को लेकर भाजपा पर निशाना साधा, बड़े आंदोलन की चेतावनी दी
कोलकाता, 28 अक्टूबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा को लेकर भाजपा और निर्वाचन आयोग पर हमला बोला और आरोप लगाया कि यह कवायद वास्तविक मतदाताओं को “बाहर” करने और 2026 के राज्य चुनावों से पहले राजनीतिक संतुलन को बिगाड़ने के लिए की गई है।
बनर्जी ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग 2002 में दो साल तक चले एक “व्यापक कार्य” को हड़बड़ी में पूरा कर रहा है, जिसका उद्देश्य राज्य प्रशासन को अपने नियंत्रण में लाना है ताकि निर्वाचित सरकार काम न कर सके।
तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा, “भाजपा के सहयोगी संगठन, निर्वाचन आयोग ने कल एसआईआर की घोषणा की है। यह प्रक्रिया (नाम) शामिल करने की नहीं, बल्कि बाहर करने के बारे में है।” उन्होंने घोषणा की कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी यह तय करने का प्रयास कर रही है कि “कौन वोट देगा और कौन नहीं”।
मतदाता सूची के पुनरीक्षण के समय पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “केवल डेढ़ साल पहले ही लोकसभा चुनाव हुए थे। अगर अब मतदाता सूची में विसंगतियां हैं, तो लोकसभा भंग कर नए चुनाव कराए जाने चाहिए।”
उन्होंने पूछा, “बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की मौजूदगी का हवाला देकर बंगाल के लिए एसआईआर की घोषणा क्यों की गई? अन्य सीमावर्ती राज्यों का क्या हुआ?”
तृणमूल नेता ने सवाल उठाया कि जब पांच पूर्वोत्तर राज्य बांग्लादेश और म्यांमा के साथ सीमा साझा करते हैं, तो पश्चिम बंगाल को ही क्यों निशाना बनाया गया।
कड़ी चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा, “यदि एक भी पात्र मतदाता का नाम हटाया गया तो बंगाल के एक लाख लोग दिल्ली में निर्वाचन आयोग कार्यालय के बाहर धरना देंगे।”
तृणमूल नेता ने जोर देकर कहा कि एसआईआर के बावजूद पार्टी अगले साल विधानसभा चुनावों में अपनी सीटों की संख्या बढ़ाएगी।
भाषा प्रशांत पवनेश
पवनेश

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