जयपुर, 14 सितंबर (भाषा) राजस्थान के राज्यपाल व कुलाधिपति कलराज मिश्र ने किसानों की बेहतरी के लिए कृषि पाठ्यक्रम, अनुसंधान और शोध कार्य हिंदी में उपलब्ध कराने पर जोर देते हुए मंगलवार को कहा कि कृषि तकनीक और खेती-बाड़ी से जुड़ी सामग्री हिंदी में तैयार की जाएगी, तभी इसका व्यापक प्रचार-प्रसार होगा और किसानों को इसका वास्तविक रूप में लाभ मिल सकेगा।
वह कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के 9वें स्थापना दिवस समारोह को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने समारोह के दौरान विश्वविद्यालय की विभिन्न इकाइयों के मध्य वीडियो कॉन्फ्रेंस सुविधा और मृदा व जल जांच चल प्रयोगशाला का लोकार्पण किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के परीक्षा हॉल का शिलान्यास भी किया।
मिश्र ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों को कृषि पैदावार बढ़ाने के साथ किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए कार्य करना चाहिए। इसके लिए खेती और संबंधित प्रसंस्करण उद्योगों से किसानों को जोड़ते हुए समन्वित खेती को प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि फसल उत्पादन, पशुपालन, फल एवं सब्जी उत्पादन, मछली पालन, वानिकी आदि के समन्वय से किसान उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग करते हुए उत्पादन बढ़ाकर अधिकाधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने आदिवासी एवं अनुसूचित उप योजना क्षेत्र के युवाओं को आधुनिक कृषि, फसल भंडारण और खाद्य प्रसंस्करण का प्रशिक्षण दिए जाने की भी आवश्यकता बताई ताकि युवा खेती से जुड़े रोजगार प्रारम्भ कर आत्मनिर्भर बन सकें। राज्यपाल मिश्र ने कृषि वैज्ञानिक और विद्यार्थियों को नियमित अंतराल पर खेतों और गांवों के दौरों पर भेजे जाने का सुझाव दिया।
भाषा पृथ्वी वैभव
वैभव
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