अगस्ता वेस्टलैंड मामला: अदालत ने गैर जमानती वारंट रद्द करने के अनुरोध संबंधी आरोपी की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

अगस्ता वेस्टलैंड मामला: अदालत ने गैर जमानती वारंट रद्द करने के अनुरोध संबंधी आरोपी की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

अगस्ता वेस्टलैंड मामला: अदालत ने गैर जमानती वारंट रद्द करने के अनुरोध संबंधी आरोपी की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा
Modified Date: July 16, 2025 / 10:54 pm IST
Published Date: July 16, 2025 10:54 pm IST

नयी दिल्ली, 16 जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्यवसायी और अगस्ता वेस्टलैंड मामले के आरोपी श्रवण गुप्ता की याचिका पर अपना फैसला बुधवार को सुरक्षित रख लिया।

गुप्ता ने धनशोधन मामले में गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) को रद्द करने का अनुरोध किया है। इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है।

धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने अगस्त 2020 में उनके खिलाफ एक ‘‘ओपन एंडेड’’ एनबीडब्ल्यू जारी किया था।

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‘ओपन-एंडेड’ वारंट एक प्रकार का गिरफ्तारी वारंट है जो किसी विशिष्ट तारीख या समय पर निष्पादित होने के लिए बाध्य नहीं होता है।

गुप्ता पर आरोप है कि संघीय जांच एजेंसी द्वारा पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बाद वह 2019 में ब्रिटेन (लंदन) चले गए थे।

अगस्त, 2023 में उनके खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस जारी किया गया था।

ईडी ने फरवरी 2022 में एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया जिसमें गुप्ता को वीवीआईपी हेलीकॉप्टर मामले में आरोपी बनाया गया।

रियल एस्टेट कंपनी ‘एमजीएफ डेवलपमेंट्स’ के निदेशक गुप्ता के खिलाफ धनशोधन के दो मामलों की जांच के तहत 21 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है।

पीएमएलए का दूसरा मामला 180 करोड़ रुपये से अधिक का है।

अधिकारियों के अनुसार, न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने बुधवार को गुप्ता की उनके खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई की।

उन्होंने दावा किया कि न्यायाधीश ने गुप्ता के वकील के मामले को स्थगित करने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया और मामले को फैसले के लिए सुरक्षित रख लिया।

उन्होंने बताया कि गुप्ता की कानूनी टीम ने अदालत को सूचित किया कि उनके मुवक्किल वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जांच में शामिल होने के लिए तैयार हैं और उन्होंने इसके लिए अदालत से अनुमति मांगते हुए एक नया आवेदन भी दिया है।

अधिकारियों ने दावा किया कि अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के वकील मामले में बार-बार स्थगन का अनुरोध कर रहे हैं और उनसे इस तरह के आचरण की उम्मीद नहीं थी।

गुप्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने अदालत में दलील दी कि उनके मुवक्किल चिकित्सा कारणों से ‘‘इस समय’’ भारत आने में असमर्थ हैं और वह वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जांच में शामिल होने के लिए तैयार हैं, जो कानून में स्वीकार्य है।

उन्होंने कहा कि अदालत ने जांच में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शामिल होने संबंधी आवेदन समेत अन्य आवेदनों पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

ईडी ने आरोप लगाया है कि गुप्ता के ‘‘स्वामित्व और नियंत्रण वाली’’ विदेशी संस्थाओं को 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में 28.69 करोड़ रुपये (19,12,000 यूरो और 34,57,180 अमेरिकी डॉलर) से अधिक की ‘‘अपराध से अर्जित धनराशि’’ प्राप्त हुई।

भाषा

देवेंद्र प्रशांत

प्रशांत


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