Ahmedabad Hatkeshwar Bridge: नगर निगम के लिए गले की फांस बना ये ब्रिज, बनाने से ज्यादा तोड़ने में खर्च होंगे करोड़ों रुपए, अब तक तीन बार फैल हो चुके हैं टेंडर
Ahmedabad Hatkeshwar Bridge: नगर निगम के लिए गले की फांस बना ये ब्रिज, बनाने से ज्यादा तोड़ने में खर्च होंगे करोड़ों रुपए, अब तक तीन बार फैल हो चुके हैं टेंडर
Ahmedabad Hatkeshwar Bridge
अहमदाबाद। Ahmedabad Hatkeshwar Bridge: अहमदाबाद के जर्जर हो चुके हाटकेश्वर ब्रिज को तोड़ने के लिए अब तक 4 बार टेंडर निकाला जा चुका है, लेकिन इस जर्जर ब्रिज को तोड़ गिरने के लिए जारी किए गए पहले दो बार में किसी भी कांट्रेक्टर ने इंटरेस्ट नहीं दिखाया। वहीं अब इस ब्रिज को गिराने के लिए चौथी बार नगर निगम ने टेंडर निकाला है जिसे तोड़ने के लिए कांट्रेक्टर ने 52 करोड़ रुपये का वर्क ऑर्डर भरकर इस ब्रिज को तोड़ने के लिए इंटरेस्ट दिखाया हुआ है। जिसे लेकर अब लोगों को यह उम्मीद है कि इस बार इस ब्रिज को जोड़ने का काम पूरा कर लिया जाएगा।
निकाले गए थे कई टेंडर
दरअसल, साल 2017 अजय इन्फ्रा नाम की कंपनी द्वारा 42 करोड़ की लागत से किया गया हाटकेश्वर ब्रिज अब नगर निगम के लिए फांसी का फंदा बना हुआ है। जिस समय इस ब्रिज को बनाया गया था तब कहा गया था कि इस ब्रिज की उम्र 100 साल होगी लेकिन ब्रिज निर्माण के मात्र 5 साल में ही इस ब्रिज की मजबूती पर सवाल उठने शुरू होने के बाद इस ब्रिज का स्टेबिलिटी टेस्ट करवाया गया था। बताया गया कि, अलग-अलग एंजेसी द्वारा दिए गए रिपोर्ट के मुताबिक इस ब्रिज के निर्माण में हल्की गुणवत्ता के मटेरियल इस्तेमाल होने की स्पष्टता के बाद ब्रिज को आवाजाही के लिए संपूर्ण तौर पर बंद करने का फैसला लिया गया था। हाटकेश्वर ब्रिज बनाने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था।
स्थानीय लोगों को झेलने पड़ी परेशानी
Ahmedabad Hatkeshwar Bridge: साल 2017 में 42 करोड़ की लागत से बना हुआ हाटकेश्वर ब्रिज को तोड़ने का खर्च 52 करोड़ रुपये होने का अंदाज है। नियमों के मुताबिक अब यह खर्च साल 2017 में ब्रिज का निर्माण करने वाली कंपनी अजय इन्फ्रा से ही वसूला जाएगा। बताया गया कि, अगले दो हफ्ते में सारे नियमों के मुताबिक ब्रिज तोड़ने के लिए वर्क ऑर्डर जारी किया जाएगा। इस ब्रिज को तोड़ने के लिए 18 महीने का समय लगेगा, जिसके लिए होने वाला खर्च इस ब्रिज को बनाने वाली कंपनी अजय इन्फ्रा से वसूला जाएगा। दो साल से बंद पड़े इस ब्रिज को लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायत की कई आवेदन भी दिए गए थे। कई बार धरना प्रदर्शन किया गया है, लेकिन यह भ्रष्टाचार का ब्रिज ऐसे ही जर्जर हालत में पिछले दो साल से खड़ा है।
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