एयरसेल-मैक्सिस मामला: ईडी आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के आदेश के खिलाफ चिदंबरम ने दाखिल की याचिका

एयरसेल-मैक्सिस मामला: ईडी आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के आदेश के खिलाफ चिदंबरम ने दाखिल की याचिका

एयरसेल-मैक्सिस मामला: ईडी आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के आदेश के खिलाफ चिदंबरम ने दाखिल की याचिका
Modified Date: May 8, 2025 / 11:17 am IST
Published Date: November 19, 2024 6:58 pm IST

नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने एयरसेल-मैक्सिस मामले में उनके और उनके बेटे कार्ति के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के एक अदालत के आदेश को मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी।

चिदंबरम के वकील ने न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी के समक्ष दलील दी कि विशेष न्यायाधीश ने धन शोधन के कथित अपराध के लिए आरोपपत्र पर संज्ञान लिया जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री के खिलाफ अभियोजन के लिए कोई मंजूरी नहीं ली गई थी। कथित अपराध के समय चिदंबरम लोक सेवक थे।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील ने याचिका की स्वीकार्यता पर प्रारंभिक आपत्ति उठाई और कहा कि इस मामले में अभियोजन के लिए मंजूरी की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि आरोप चिदंबरम के कार्यों से संबंधित हैं, जिनका उनके आधिकारिक कर्तव्यों से कोई लेना-देना नहीं है।

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न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने कुछ देर तक मामले की सुनवाई की और मामले को बुधवार को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। उच्च न्यायालय को सूचित किया गया कि मामला बुधवार को अधीनस्थ अदालत के समक्ष भी सूचीबद्ध है।

अंतरिम राहत के तौर पर चिदंबरम ने अधीनस्थ अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने की भी मांग की है।

अधीनस्थ अदालत ने 27 नवंबर, 2021 को एयरसेल-मैक्सिस मामले में चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति के खिलाफ सीबीआई और ईडी द्वारा दाखिल आरोपपत्रों पर संज्ञान लिया था और उन्हें अगली तारीख के लिए तलब किया था।

जब उच्च न्यायालय ने पूछा कि क्या इस मामले में एजेंसी ने अभियोजन के लिए मंजूरी मांगी है, तो एजेंसी के वकील ने कहा कि इसकी आवश्यकता नहीं है।

ईडी के वकील ने कहा कि यह मानते हुए भी कि मंजूरी की आवश्यकता थी, संज्ञेय आदेश को इस आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता क्योंकि यह एक सुधार योग्य दोष है।

चिदंबरम का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एन. हरिहरन और वकील अर्शदीप सिंह खुराना और अक्षत गुप्ता ने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197(1) के तहत अभियोजन के लिए मंजूरी प्राप्त करना अनिवार्य है और आज तक, कांग्रेस नेता के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए ईडी द्वारा कोई मंजूरी नहीं ली गई है।

वकील ने कहा कि वर्तमान में आरोप पर विचार के लिए निचली अदालत के समक्ष कार्यवाही तय है।

ये मामले एयरसेल-मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने में कथित अनियमितताओं से संबंधित हैं।

यह मंजूरी 2006 में दी गई थी जब चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे।

सीबीआई और ईडी ने आरोप लगाया था कि वित्त मंत्री के तौर पर चिदंबरम ने अपनी अधिकार क्षेत्र से परे जाकर सौदे को मंजूरी दी, जिससे कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचा और रिश्वत मिली।

भाषा

प्रशांत माधव

माधव

 


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