असम में सरकारी मदरसों को बंद करने के खिलाफ न्यायालय जाएंगे अजमल

असम में सरकारी मदरसों को बंद करने के खिलाफ न्यायालय जाएंगे अजमल

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  • Publish Date - April 24, 2024 / 03:10 PM IST,
    Updated On - April 24, 2024 / 03:10 PM IST

गुवाहाटी, 24 अप्रैल (भाषा) ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने कहा है कि वह राज्य संचालित मदरसों को बंद करने के असम सरकार के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करेंगे।

धुबरी के मौजूदा सांसद ने उम्मीद जताई कि शीर्ष अदालत असम में सभी बंद मदरसों को फिर से खोलने का आदेश देगी।

अजमल ने मंगलवार को एक चुनावी सभा से इतर संवाददाताओं को बताया, “उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों को बंद करने का ऐलान किया और बाद में उच्चतम न्यायालय ने इसकी निंदा की। इस संदर्भ में हम उच्चतम न्यायालय जाएंगे और वहां से आदेश लेंगे।”

पिछले साल दिसंबर में पूरे असम में 1,281 उच्च प्राथमिक माध्यमिक अंग्रेजी (एमई) मदरसों को सामान्य एमई स्कूलों में बदल दिया गया था।

इससे पहले अप्रैल 2021 में, मदरसा बोर्ड के तहत सभी 610 राज्य संचालित मदरसों को उच्च प्राथमिक, उच्च और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में परिवर्तित कर दिया गया था, जिसमें शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की स्थिति, वेतन, भत्ते और सेवा शर्तों में कोई बदलाव नहीं हुआ था।

दिसंबर 2020 में, असम मदरसा शिक्षा (प्रांतीयकरण) अधिनियम, 1995 और असम मदरसा शिक्षा (कर्मचारियों की सेवाओं का प्रांतीयकरण और मदरसा शैक्षणिक संस्थानों का पुनर्गठन) अधिनियम, 2018 को निरस्त कर दिया गया।

असम में भाजपा के नेतृत्व वाली पहली सरकार के इस कदम ने सभी राज्य-वित्त पोषित मदरसों को बंद करने और उन्हें सामान्य स्कूलों में बदलने का मार्ग प्रशस्त कर दिया।

भाषा प्रशांत पवनेश

पवनेश