कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अजय राय को निषेधाज्ञा उल्लंघन मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय से राहत मिली

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अजय राय को निषेधाज्ञा उल्लंघन मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय से राहत मिली

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अजय राय को निषेधाज्ञा उल्लंघन मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय से राहत मिली
Modified Date: September 3, 2025 / 08:59 pm IST
Published Date: September 3, 2025 8:59 pm IST

प्रयागराज, तीन सितंबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय को राहत देते हुए, 2017 में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के उल्लंघन से जुड़े एक मामले में उनके खिलाफ अधीनस्थ अदालत में लंबित आपराधिक मुकदमा बुधवार को रद्द कर दिया।

अजय राय द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति समीर जैन ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 (सरकारी आदेश की अवहेलना से संबंधित) के तहत उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे में दाखिल आरोपपत्र और समन आदेश को निरस्त कर दिया।

वकीलों की दलीलें सुनने और रिकॉर्ड की जांच के बाद अदालत ने कहा, ‘‘मौजूदा मामले के तथ्यों पर विचार करने के बाद यह स्पष्ट है कि जांच अधिकारी द्वारा एकत्र किए गए साक्ष्यों के आधार पर आईपीसी की धारा-188 के अंतर्गत अपीलकर्ता के खिलाफ कोई दंडनीय अपराध नहीं बनता।’’

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इसके आधार पर न्यायालय ने कहा, ‘‘मेरे विचार में नौ सितंबर 2019 को जारी समन आदेश और आरोपपत्र को रद्द किया जाना उचित है। अतः समन आदेश, आरोपपत्र और अपीलकर्ता के खिलाफ लंबित मुकदमा रद्द किया जाता है।’’

इस मामले के तथ्यों के मुताबिक, अपीलकर्ता और 10 अन्य लोगों एवं 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ 20 सितंबर 2017 को आईपीसी की धारा-188 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसके मुताबिक 20 सितंबर 2017 को अजय राय और अन्य आरोपी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे और निषेधाज्ञा के बावजूद उन्होंने सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन किया और आईपीसी की धारा 188 के तहत अपराध किया।

प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जांच शुरू हुई, और सात नवंबर 2017 को आरोपपत्र दाखिल किया गया। इसके आधार पर संबंधित अदालत ने नौ सितंबर 2019 को संज्ञान लेकर समन जारी किया, जिसे अजय राय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

भाषा राजेंद्र खारी

खारी


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