America on Arunachal Pradesh : भारत के समर्थन में उतरा अमेरिका, निकाल दी चीन की हेकड़ी, अरुणाचल प्रदेश पर दावे को लेकर दिया ऐसा जवाब

भारत के समर्थन में उतरा अमेरिका, निकाल दी चीन की हेकड़ीः America responded to China claiming Arunachal Pradesh

America on Arunachal Pradesh : भारत के समर्थन में उतरा अमेरिका, निकाल दी चीन की हेकड़ी, अरुणाचल प्रदेश पर दावे को लेकर दिया ऐसा जवाब

America on Arunachal Pradesh

Modified Date: March 21, 2024 / 03:59 pm IST
Published Date: March 21, 2024 3:59 pm IST

नई दिल्लीः America on Arunachal Pradesh भारत के अरुणाचल प्रदेश में अपना अधिकार बताने वाले चीन को एक बड़ा झटका लगा है। अमेरिका ने चीन के दावों को खारिज कर दिया है और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा बताया है। अमेरिका ने कड़े शब्दों में चीन के कदम की आलोचना की है और कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है। अमेरिका ने कहा कि वह अरुणाचल प्रदेश को भारतीय क्षेत्र के रूप में मान्यता देता है और वास्तविक नियंत्रण रेखा के आसपास चीन के क्षेत्रीय दावों के किसी भी प्रयास का दृढ़ता से विरोध करता है।

Read More : Bihar Board 12th Result 2024 Update: बिहार बोर्ड 12वीं रिजल्ट पर बड़ा अपडेट! आज नहीं बल्कि इस दिन जारी होंगे परीक्षा परिणाम 

America on Arunachal Pradesh दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था। 13,000 फुट की ऊंचाई पर निर्मित सेला सुरंग को राष्ट्र को समर्पित किया था। इस दौरे को लेकर चीन ने भारत के सामने राजनयिक विरोध दर्ज कराया था। चीन के विदेश मंत्रालय वांग वेनबिन ने कहा था कि इससे भारत-चीन का सीमा विवाद और बढ़ेगा। वेनबिन ने कहा था कि चीन के जंगनान को डेवलप करने का भारत का कोई अधिकार नहीं है।

 ⁠

Read More : Bilaspur News: सारंगढ़ उपजेल में बंदियों की पिटाई का मामला, HC ने दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई का दिया निर्देश 

बता दें कि अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन के साथ लंबे समय से विवाद है. भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, चीन अरुणाचल प्रदेश की करीब 90 हजार वर्ग किलोमीटर पर अपना दावा करता है. चीन और भारत के बीच मैकमोहन लाइन को अंतर्राष्ट्रीय सीमा माना जाता है. जब भी कोई नेता अरुणाचल के दौरे पर जाता है तो चीन अक्सर विरोध जताता रहा है। भारत कई बार साफ-साफ कह चुका है कि अरुणाचल प्रदेश देश का अभिन्न हिस्सा है। भारत का कहना है कि एक नया नाम दे देने से वास्तविकता नहीं बदल जाएगी।


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।