सशस्त्र बलों ने कोविड-19 से लड़ने के लिए ‘को-जीत’ नाम से अभियान शुरू किया: ले जनरल कानिटकर

सशस्त्र बलों ने कोविड-19 से लड़ने के लिए ‘को-जीत’ नाम से अभियान शुरू किया: ले जनरल कानिटकर

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  • Publish Date - May 3, 2021 / 10:19 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:04 PM IST

(सुमीर कौल)

नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) सशस्त्र बलों ने चिकित्सा अवसंरचना और ऑक्सीजन की आपूर्ति कड़ी को मजबूत करने के साथ-साथ लोगों की मानसिक सलामती सुनिश्चित करने जैसे कोविड-19 रोधी प्रयासों में मदद करने के लिए ‘को-जीत’ नाम से अभियान शुरू किया है।

‘इंटीग्रेटिड डिफेंस स्टाफ’ (मेडिकल) की उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल डॉ माधुरी कानिटकर ने कहा कि इलाज के साथ-साथ मरीजो को आश्वस्त करने की जरूरत होती है कि वे ठीक हो जाएंगे और “ मुश्किल वक्त में अगर आपके पास कोई बात करने वाला है तो इससे बहुत फर्क पड़ता है।”

लेफ्टिनेंट जनरल कानिटकर सशस्त्र बलों में ‘थ्री स्टार जनरल’ बनने वाली तीसरी महिला हैं। वह कोविड-19 मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए रणनीति बनाने और उठाए जा रहे कदमों पर निगरानी रखने के लिए 24 घंटे काम कर रही हैं।

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा , “ को-जीत योजना में तीनों सशस्त्र बलों-सेना, भारतीय वायु सेना और नौसेना-के कर्मियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की कड़ी को बहाल करने में मदद करने के लिए, कोविड बिस्तर स्थापित करने और महामारी को नियंत्रित करने के लिए नागरिक प्रशासन की मदद करने के लिए लगाया गया है।”

भारत कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है और कई राज्यों के अस्पताल दवाइयों, ऑक्सीजन व बिस्तरों की किल्लत का सामना कर रहे हैं।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देश में अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की तरह ही सशस्त्र बलों के कर्मियों की टीम भी 24 घंटे काम कर रही है।

उन्होंने कहा, “ इस कोविड स्थिति के साथ-साथ, अधिकतर पूर्व सैनिक भी सैन्य अस्पताल आ रहे हैं। दिल्ली और पुणे जैसे शहरों में हमारे पास 400-500 अस्पताल बिस्तर सिर्फ रक्षा और पूर्व सैन्य कर्मियों के लिए हैं।”

कानिटकर ने कहा कि मिश्रित कोविड-19 प्रबंधन के लिए देश भर में अतिरिक्त बिस्तर उपलब्ध कराने के लिए भी प्रयास चल रहे हैं।

‘को-जीत’ के बारे में बताते हुए लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा, “ निसंदेह ही यह युद्ध जैसी स्थिति है और राष्ट्र का प्रत्येक वर्ग अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहा है क्योंकि आम नागरिक इस महामारी से प्रभावित है।”

बता दें कानिटकर के पति सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के औहदे से सेवानिवृत्त हुए हैं और इस पद तक पहुंचने वाले वे एकमात्र दंपति हैं।

कानिटकर ने कहा कि रक्षा विभाग ने कोविड-19 संकट प्रबंधन समिति गठित की है और “ हम साथ मिलकर युद्ध स्तर पर इस पर काम कर रहे हैं।”

लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा, “ को-जीत में ‘को’ का अर्थ तीनों सेनाओं के सह कर्मियों से है जो आखिरकार कोविड पर ‘जीत’ (विजय) प्राप्त कर लेंगे। पूरी टीम बहुत ही सक्रिय तरीके से काम कर रही है, क्योंकि एक सैनिक विपरीत परिस्थितियों में लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है और वह हार नहीं मानता है, हम सिर्फ डॉक्टर नहीं हैं, बल्कि सैनिक भी हैं।’’

उन्होंने कहा कि वे रक्षा कर्मियों को देखभाल मुहैया कराने और नागरिक प्रशासन को राहत उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहे हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल ने ऑक्सीजन की किल्लत पर कहा “ कुछ सैन्य अस्पतालों में खुद के ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र हैं। लेकिन मौजूदा स्थिति ने दिखाया है कि हमें इस सुविधा को और मजबूत करने की जरूरत है और करीब 46 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र विभिन्न स्थानों पर लगाए जा रहे हैं।”

उन्होंने सशस्त्र बलों के तीनों सेनाओं के प्रयासों को रेखांकित भी किया।

भाषा

नोमान मनीषा

मनीषा