अरुणाचल: कांग्रेस ने पंचायत और निकाय चुनावों से पहले सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग, कदाचार का आरोप लगाया
अरुणाचल: कांग्रेस ने पंचायत और निकाय चुनावों से पहले सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग, कदाचार का आरोप लगाया
ईटानगर, 25 नवंबर (भाषा) अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस ने राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) को एक ज्ञापन सौंपकर 15 दिसंबर को होने वाले पंचायत और नगरपालिका चुनावों से पहले व्यापक चुनावी कदाचार, बड़े पैमाने पर नकदी वितरण, मतदाताओं को डराने-धमकाने और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने के आरोप लगाए हैं।
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोपों को खारिज कर दिया और दावा किया कि कांग्रेस ने ‘लोगों का भरोसा खो दिया है।’
कांग्रेस ने सोमवार को एसईसी को दिए ज्ञापन में आरोप लगाया कि जनता, मीडिया मंचों और जमीनी पर्यवेक्षकों से प्राप्त जानकारी से संकेत मिलता है कि आगामी चुनावों के ‘राज्य के इतिहास में सबसे समझौतापूर्ण चुनावी प्रक्रियाओं में से एक बनने का खतरा हैं, जिससे लोकतांत्रिक अखंडता और मतपत्र की पवित्रता को नुकसान पहुंचेगा।’
विपक्षी पार्टी के अनुसार, जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को प्रतिबिंबित करने के लिए होने वाले चुनाव ‘बेहिसाब पैसे का इस्तेमाल, वोट-खरीद, सामूहिक दावतों और राजनीतिक लाभ के लिए सरकारी संसाधनों का राजनीतिक फायदा उठाने के लिए सबसे महंगे और सबसे अनैतिक चुनावों के रूप में बदल गए हैं।’
पार्टी ने आरोप लगाया कि धन और शक्ति ने विचारधारा को ‘प्रभावित’ किया है और ‘लोकतांत्रिक विकल्प को एक लेन-देन गतिविधि में बदल दिया है, जिससे चुनावी प्रक्रिया में जनता का विश्वास खत्म हो रहा है’।
कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा पर प्रशासनिक मशीनरी का व्यवस्थित तौर पर दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया।
कांग्रेस ने ‘विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर नकदी के बदले वोट देने की गतिविधियों और मतदाताओं से पैसे लेकर उन्हें अपना मतदाता पहचान पत्र जमा करने के लिए मजबूर करने की शिकायतें जैसी कथित अनियमितताओं को भी उजागर किया है।
भाजपा की राज्य इकाई के मुख्य प्रवक्ता मुच्चू मिथी ने आरोपों को ‘निराधार’ करार दिया।
रोइंग विधानसभा क्षेत्र के विधायक मिथी ने एक बयान में कहा, ‘‘राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) अफवाहों पर नहीं, बल्कि नियमों और प्रक्रियाओं के आधार पर स्थानीय चुनाव कराता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘संस्थाएं प्रक्रियाओं से चलती हैं, राजनीतिक दबावों से नहीं। कांग्रेस हताश है क्योंकि उसने लोगों का विश्वास खो दिया है। उन्हें उनसे कोई उम्मीद नहीं है। वे आरोप लगाना जारी रख सकते हैं और लोग चुनावों में इसका जवाब देंगे।’’
भाषा यासिर नरेश
नरेश

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