आशा कार्यकर्ता भारत की गौरव हैं, उन्हें बेहतर वेतन मिलना चाहिए: विपक्षी नेता

आशा कार्यकर्ता भारत की गौरव हैं, उन्हें बेहतर वेतन मिलना चाहिए: विपक्षी नेता

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  • Publish Date - May 23, 2022 / 08:29 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:56 PM IST

नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को सम्मानित करने के बाद, कई विपक्षी नेताओं ने स्वास्थ्य क्षेत्र में उनके योगदान की सराहना की और कहा कि सरकार को उनके लिए बेहतर वेतन और काम करने की स्थिति सुनिश्चित करनी चाहिए।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह पुरस्कार उनकी निस्वार्थ सेवा को मान्यता देता है और सरकार को उनके लिए बेहतर वेतन सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ता देश की गौरव हैं और वे गरिमापूर्ण जीवन की पात्र हैं।

गांधी ने ट्विटर पर कहा, ‘‘भारत की 10 लाख महिला आशा कार्यकर्ता हमारा गौरव हैं। डब्ल्यूएचओ का पुरस्कार उनकी निस्वार्थ सेवा को मान्यता देता है। वर्ष 2005 से संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की यह दूरदर्शी पहल हमारे स्वास्थ्य ढांचे की जीवन रेखा है। भारत सरकार को बेहतर वेतन और काम करने की स्थिति सुनिश्चित करनी चाहिए। आशा कार्यकर्ता सम्मान के जीवन की पात्र हैं।’’

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को ‘ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’ से रविवार को सम्मानित किया गया। आशा स्वयंसेवकों को यह सम्मान ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने और देश में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ अभियान में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए दिया गया है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि सरकार को उनके साथ सही व्यवहार करने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं के लिए डब्ल्यूएचओ का सम्मान पूरे देश के लिए गर्व की बात है।

प्रियंका ने ट्वीट किया, ‘‘संप्रग सरकार ने गांव-खेड़ों के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए आशा बहनों की नियुक्तियां की थीं। कोरोना के समय आशा बहनों ने अभूतपूर्व ढंग से, खुद की फिक्र किए बिना इस काम को किया।’’

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसस ने रविवार को छह पुरस्कारों की घोषणा की थी। ये पुरस्कार वैश्विक स्वास्थ्य को आगे बढ़ाने, क्षेत्रीय स्वास्थ्य मुद्दों के लिए नेतृत्व और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करने के लिए दिए गए हैं।

डब्ल्यूएचओ ने ट्वीट किया, ‘‘भारत में 10 लाख से अधिक महिला स्वयंसेवक ‘‘मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता’’ (आशा) को स्वास्थ्य प्रणाली से समुदाय को जोड़ने और गांवों में गरीबी में रह रहे लोगों की प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवा तक पहुंच सुनिश्चित करने में अहम भूमिका के लिए सम्मानित किया गया।’’

उसने कहा, ‘‘आशा का हिंदी में अर्थ है -‘उम्मीद’। ये स्वास्थ्य कार्यकर्ता टीकों से रोकी जा सकने वाली बीमारियों के खिलाफ बच्चों के टीकाकरण एवं मातृ देखभाल, सामुदायिक स्वास्थ्य देखभाल; उच्च रक्तचाप और तपेदिक के उपचार तथा पोषण, स्वच्छता एवं बेहतर जीवन के लिए अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के मुख्य क्षेत्रों में काम करती हैं।’’

भाषा

देवेंद्र उमा

उमा