असम में इस साल ‘हरित’ दुर्गा पूजा की धूम

असम में इस साल ‘हरित’ दुर्गा पूजा की धूम

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  • Publish Date - October 1, 2022 / 06:23 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:19 PM IST

गुवाहाटी, एक अक्टूबर (भाषा) असम में कई दुर्गा पूजा समितियों ने इस साल अपने पंडालों और मूर्तियों में पर्यावरण के अनुकूल और पुन: उपयोग योग्य सामग्री का इस्तेमाल किया है।

पंडालों की सजावट के लिए कच्चे माल के रूप में पारंपरिक बांस पसंदीदा बने हुए हैं, जबकि मूर्ति बनाने में प्राकृतिक रूप से नष्ट होने वाली सामग्री का इस्तेमाल किया गया है।

धुबरी के कलाकार संजीव बसाक ने चम्मच और कटोरियों जैसे एकल इस्तेमाल वाले प्लास्टिक के बर्तनों का उपयोग कर देवी मां की मूर्ति बनाई है।

बसाक ने कहा कि त्योहारों का इस्तेमाल लोगों के बीच महत्वपूर्ण संदेश फैलाने के लिए किया जाना चाहिए।

पश्चिमी असम के इसी जिले के एक अन्य मूर्ति निर्माता प्रदीप कुमार घोष इस अवसर का उपयोग निरंतरता का संदेश फैलाने के लिए कर रहे हैं। घोष ने नारियल के कचरे का उपयोग करके एक मूर्ति बनाई है।

तेजपुर शहर के एक पंडाल में केवल पुन: उपयोग करने योग्य सामग्री का उपयोग किया गया है, जो पूरी तरह से प्लास्टिक से दूर है।

आयोजकों ने कहा कि वे लोगों को दिखाना चाहते हैं कि प्रकृति में उपलब्ध वस्तुओं का उपयोग करके सुंदर पंडाल कैसे बनाया जा सकता है।

गुवाहाटी में पूजा समितियां भी पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करने में पीछे नहीं हैं।

शांतिपुर दुर्गा पूजा समिति ने पंडाल को ‘विरासत’ विषय पर केंद्रित किया है और सजावट के लिए जूट के पत्तों का इस्तेमाल किया है।

भाषा नेत्रपाल दिलीप

दिलीप