असम: राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने फहराया तिरंगा, कहा ‘प्रदेश में विकास का नया युग शुरू’

असम: राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने फहराया तिरंगा, कहा ‘प्रदेश में विकास का नया युग शुरू’

असम: राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने फहराया तिरंगा, कहा ‘प्रदेश में विकास का नया युग शुरू’
Modified Date: January 26, 2025 / 03:12 pm IST
Published Date: January 26, 2025 3:12 pm IST

गुवाहाटी, 26 जनवरी (भाषा) असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने रविवार को कहा कि राज्य शांति सुनिश्चित करने व बुनियादी ढांचे के विकास, सामाजिक और आर्थिक विकास तथा पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में काम करने में सक्षम रहा है।

आचार्य ने यहां गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद गुवाहाटी में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने और अपराधों व मादक पदार्थों के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल, बाल विवाह व मानव तस्करी जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।

आचार्य ने कहा, “राज्य में विकास का एक नया युग शुरू हुआ है। पिछले एक वर्ष में हमने शांति स्थापित करने, बुनियादी ढांचे के विकास, सामाजिक व आर्थिक सूचकांकों में वृद्धि और पर्यावरण संरक्षण के लिए कदम उठाने में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है।”

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उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना, अपराध पर नियंत्रण, उग्रवाद से लड़ना और लोगों और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।

वहीं मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को कहा कि डिब्रूगढ़ जिला मुख्यालय को अगले तीन वर्षों के भीतर राज्य की दूसरी राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा।

शर्मा ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद कहा कि सरकार ऊपरी असम में ब्रह्मपुत्र के दक्षिणी तट पर स्थित इस शहर में असम विधानसभा का एक स्थायी भवन बनाएगी।

उन्होंने कहा, “असम की दूसरी राजधानी बनने की डिब्रूगढ़ की यात्रा में आज एक महत्वपूर्ण दिन है। पहली बार, इस ऐतिहासिक शहर में राज्य स्तरीय समारोह हो रहा है।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “अगले तीन वर्षों में डिब्रूगढ़ असम की दूसरी राजधानी होगी। हम तेजपुर में राजभवन का निर्माण करेंगे और इसे असम की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विकसित करेंगे। सिलचर में एक सचिवालय और मुख्य सचिव का कार्यालय होगा, जिससे बराक घाटी और गुवाहाटी के बीच की दूरी कम हो जाएगी।”

भाषा जितेंद्र रंजन

रंजन


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