अंतरिक्ष यात्री शुक्ला ने दिल्ली में एआई ग्राइंड चैलेंज पर छात्रों को प्रोत्साहित किया
अंतरिक्ष यात्री शुक्ला ने दिल्ली में एआई ग्राइंड चैलेंज पर छात्रों को प्रोत्साहित किया
(फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, सात दिसंबर (भाषा) अंतरिक्ष यात्री एवं भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने युवाओं से 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने में योगदान देने का रविवार को आग्रह किया।
शुक्ला ने यह अपील दिल्ली सरकार के एआई ग्राइंड चैलेंज की शुरुआत के अवसर पर छात्रों से की। उन्होंने छात्रों के साथ अंतरिक्ष में अपने अनुभव साझा किए और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) की भूमिका पर प्रकाश डाला।
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुक्ला ने छात्रों से कहा, ‘‘आप भविष्य हैं। मैं आपसे कार्य करने का आह्वान करता हूं। आपको 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए काम करना होगा।’’
इस साल की शुरुआत में, शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय बने। अंतरिक्ष मिशन के बाद वह अमेरिका में उतरे थे, उसके बाद भारत वापस आये।
उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं यहां आया था, तो मुझे नहीं पता था कि यह कार्यक्रम किस बारे में है। लेकिन जब मैंने शिक्षा मंत्री और वरिष्ठ नेतृत्व को देखा, तो यह स्पष्ट हो गया कि हमारा नेतृत्व अपना ध्यान किस ओर केंद्रित कर रहा है। ये ऐसे क्षेत्र हैं जिन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिए और ऐसे प्रयास हमें विकसित भारत 2047 की दृष्टि के करीब ले जाएंगे।’’
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि शुक्ला ‘युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत’ हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत एआई और अन्य तकनीकी नवाचारों के क्षेत्र में एक नयी वैश्विक पहचान बना रहा है। उन्होंने दावा किया कि ‘एआई ग्राइंड’ राष्ट्रीय राजधानी की शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
उन्होंने कहा कि इस पहल से पारंपरिक कक्षाओं को नवाचार-उन्मुख प्रयोगशालाओं में परिवर्तित किया जाएगा, जहां छात्र शहर के सामने आने वाली वास्तविक जीवन की समस्याओं के समाधान के लिए एआई-आधारित परियोजनाएं विकसित करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से लगभग पांच लाख छात्र सीधे लाभान्वित होंगे, और इसे ‘विकसित दिल्ली’ और ‘विकसित भारत’ की दृष्टि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को मिलकर आगे बढ़ना होगा। यही राष्ट्र निर्माण की सच्ची भावना है।’’
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह पहल 1,000 से अधिक विद्यालयों, कॉलेज, आईटीआई और विश्वविद्यालयों के 5 लाख से अधिक विद्यार्थियों तक पहुंचेगी और दिल्ली के युवाओं में बड़े पैमाने पर आधारभूत एआई क्षमता का निर्माण करेगी।
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि यह पहल ‘भारत के एआई दशक’ को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।
उन्होंने कहा कि इस पहल के तहत, छात्र नागरिक और उद्योग चुनौतियों की पहचान करेंगे और व्यावहारिक समाधान विकसित करने के लिए सरकार और उद्योग भागीदारों के साथ काम करेंगे।
अगले चार महीनों में, दिल्ली एआई ग्राइंड 5,000 शिक्षकों को प्रमाणित एआई सलाहकारों के रूप में प्रशिक्षित करेगा, 1,000 छात्र नीत प्रोटोटाइप विकसित करेगा, 50 एआई युवा एंबैसेडर का चयन करेगा और दिल्ली के युवाओं द्वारा तैयार विचारों पर आधारित एक राष्ट्रीय नवाचार संग्रह प्रकाशित करेगा।
यह पहल दस प्रमुख क्षेत्रों – परिवहन, स्वास्थ्य, खाद्य प्रणाली, पर्यटन, शासन, ऊर्जा, डिजिटल शिक्षा, जलवायु और पर्यावरण, जल और अपशिष्ट प्रबंधन और सार्वजनिक सेवाओं – में स्कूल, कॉलेज और ओपन श्रेणियों के 10 से 25 वर्ष की आयु के युवाओं से भागीदारी आमंत्रित करती है।
भाषा अमित नरेश
नरेश

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