हैदराबाद, 28 सितंबर (भाषा) ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने हालांकि हमेशा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दृष्टिकोण का विरोध किया है, लेकिन कट्टरपंथी संगठन पर प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता।
सरकार ने कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता और आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों से ‘‘संबंध’’ होने के कारण पीएफआई और उससे संबद्ध कई अन्य संगठनों पर बुधवार को पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया।
ओवैसी ने कई ट्वीट में कहा, ‘‘मैंने हमेशा पीएफआई के दृष्टिकोण का विरोध किया है और लोकतांत्रिक दृष्टिकोण का समर्थन किया है, लेकिन पीएफआई पर प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह का प्रतिबंध खतरनाक है क्योंकि यह किसी भी उस मुसलमान पर प्रतिबंध है जो अपने मन की बात कहना चाहता है। जिस तरह से भारत की ‘चुनावी निरंकुशता’ फासीवाद के करीब पहुंच रही है, भारत के ‘काले’ कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत अब हर मुस्लिम युवा को पीएफआई पर्चे के साथ गिरफ्तार किया जाएगा।’’
भाषा देवेंद्र माधव
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