बंकिम चंद्र चटर्जी का घर बदहाल, राष्ट्रीय धरोहर घोषित करें : भाजपा
बंकिम चंद्र चटर्जी का घर बदहाल, राष्ट्रीय धरोहर घोषित करें : भाजपा
नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) राज्यसभा में सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के एक सदस्य ने कहा कि इस समय देश राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहा है, लेकिन इस अमर गीत के रचयिता बंकिम चंद्र चटर्जी ने कोलकाता के जिस घर में अंतिम सांस ली थी, वह आज उपेक्षा का शिकार है और अत्यंत जीर्णशीर्ण हालत में है।
भाजपा के गोविंद भाई लालजीभाई धोलकिया ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि वंदे मातरम ने स्वतंत्रता संग्राम को एक नया भाव और प्रेरणा दी थी और इसका तेज आज भी बरकरार है।
उन्होंने कहा ‘‘देश इस गीत की रचना का 150वां साल मना रहा है लेकिन इसके रचयिता बंकिम चंद्र चटर्जी ने जिस मकान में अपना अंतिम समय बिताया था उस मकान की हालत बहुत खराब है। एक कर्मचारी उसकी देखभाल करता है। बरसों से यह मकान खुला ही नहीं है।’’
धोलकिया ने कहा कि किताबों के लिए मशहूर कोलकाता के कालेज स्ट्रीट के पास स्थित इस घर में प्रसिद्ध लेखक, कवि व उपन्यासकार बंकिम चंद्र ने अपने जीवन के अंतिम करीब छह-सात वर्ष बिताए थे और यहीं अप्रैल, 1894 में उनका निधन हुआ था।
उन्होंने कहा ‘‘हमारी सांस्कृतिक धरोहर की यह हालत गहरी पीड़ा देती है। मेरी सरकार से मांग है कि इस भवन को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करें और केंद्र इसकी देखभाल करे। इसे वंदे मातरम प्रेरणा केंद्र के रूप में विकसित किया जाए।’’
भाषा मनीषा अविनाश
अविनाश

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