टिकट वितरण से पहले बीजेपी की नई नीति, अपने सांसदों से 5 साल के कामों का मांगा हिसाब

टिकट वितरण से पहले बीजेपी की नई नीति, अपने सांसदों से 5 साल के कामों का मांगा हिसाब

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  • Publish Date - March 11, 2019 / 07:46 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:12 PM IST

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण की प्रक्रिया शुरू करने से पहले बीजेपी ने अपने सांसदों से 5 साल के कामों का हिसाब मांगा है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सांसदों को टिकट देने से पहले सांसदों से पूछा है की 5 साल केंद्र सरकार की योजनाओं से क्षेत्र के लोगों को कितना लाभ मिला है ? इसके अलावा पीएम की योजनाओं के बारे में भी सांसदों से जानकारी मांगी गई है।

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छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद बीजेपी लोकसभा चुनाव की तैयारी में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। टिकट वितरण के लिए अपनाई जा रही प्रक्रिया में इसका असर साफ देखा जा सकता है। पार्टी कैंडिडेट्स को लेकर सर्वे करा चुकी है और अब सांसदों को एक फॉर्मेट के जरिए अपने कामों के रिकॉर्ड के साथ साथ क्षेत्र का पूरा डाटा मंगाया जा रहा है। जिसके आधार पर टिकट दिया जाएगा। इस फॉर्मेट में क्षेत्र में हुए संगठन के कार्यक्रमों की जानकारी भी मांगी गई है।

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इसके अलावा लोकसभा क्षेत्र में 5 साल में शहीद हुए लोगों की भी जानकारी इस फॉर्मेट के जरिए मांगी गई है। दरअसल टिकट वितरण से पहले बीजेपी क्षेत्र का जातिगत और धार्मिक गणित करीब से जानना चाहती है। इसके अलावा वो केन्द्र की योजनाओं का ग्रामीण और शहरी इलाकों में असर भी जानना चाहती है। इसके लिए सांसदों से कहा गया कि वे पीएम मोदी सरकार की उन 5 योजनाओं का नाम लिखकर दें जो जनता के बीच सबसे असरकारी रही हैं, और जिनसे चुनाव में फायदा हो सकता है। सांसद से क्षेत्र के कुल मतदाता, पुरुष, महिला की जानकारी भी मंगाई गई है। इसके अलावा उनसे ये भी लिखने को कहा गया है कि क्षेत्र से सबसे मजबूत कांग्रेस दावेदार कौन और क्यों हैं ? इसके अलावा दावेदारी कर रहे अन्य 5 मजबूत नेताओं के नाम भी मांगे हैं। सांसदों को ये भी बताना होगा कि पिछले 5 साल के दौरान उन्होंने अपनी निधि से कितने निर्माण कार्यों को स्वीकृति दी और उनमें से कितने पूरे हुए है।