बंगाल : सजनेखली शिविर इलाज के लिए जाते समय बाघ की मौत

बंगाल : सजनेखली शिविर इलाज के लिए जाते समय बाघ की मौत

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  • Publish Date - May 30, 2021 / 09:54 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:59 PM IST

कोलकाता, 30 मई (भाषा) पश्चिम बंगाल में वन क्षेत्र से भटके एक नर रॉयल बंगाल बाघ की रविवार को इलाज के लिए सुंदरबन के सजनेखली ले जाने के दौरान मौत हो गई।

वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बाघ की मौत की वजह चक्रवात ‘यास’ और इसके बाद की परिस्थितियों से संबंधित नहीं लग रही है, बल्कि प्रतीत हो रहा है कि उसकी मौत अधिक उम्र के कारण हुई है।

उन्होंने कहा कि शव के पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के असल कारण का पता चल सकेगा।

मुख्य वन्यजीव वार्डन वीके यादव ने पीटीआई-भाषा से कहा कि बाघ की उम्र करीब 11-12 है और वह परसो हरिखाली शिविर के पास मिला था और चलते हुए लड़खड़ा रहा था और वन कर्मी उसपर करीब से निगाह रख रहे थे।

यह बाघ रविवार सुबह एक तालाब के किनारे लेटा हुआ मिला, कर्मियों ने उसे मुर्गा खिलाने की कोशिश की लेकिन उसने वह नहीं खाया।

यादव ने बताया कि बाघ बहुत कमजोर था और उसे इलाज के लिए सजनेखाली वन शिविर ले जाया जा रहा था लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।

उन्होंने कहा कि लगता है कि बाघ की मौत अधिक उम्र और कमजोरी के कारण हुई है।

सुंदरबन में बाघों की गणना (2019-20) के मुताबिक, सुंदरबन में रॉयल बंगाल बाघों की संख्या 96 है।

भाषा नोमान धीरज

धीरज