बंगाल को 25 करोड़ रुपये में विवादित पेगासस स्पाईवेयर देने की पेशकश की गई थी: ममता

बंगाल को 25 करोड़ रुपये में विवादित पेगासस स्पाईवेयर देने की पेशकश की गई थी: ममता

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  • Publish Date - March 17, 2022 / 07:20 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:47 PM IST

कोलकाता/अमरावती, 17 मार्च (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि पेगासस बनाने वाली साइबर सुरक्षा कंपनी ने 4-5 साल पहले राज्य की पुलिस से संपर्क कर मात्र 25 करोड़ रुपये में विवादित इजराइली स्पाईवेयर देने की पेशकश की थी, लेकिन जब उन्हें इस बारे में पता चला तो उन्होंने इसे ठुकरा दिया।

बनर्जी ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने स्पाईवेयर को खरीदकर देश की सुरक्षा के लिए इसका उपयोग करने के बजाय ”राजनीतिक” फायदे के मकसद से न्यायाधीशों और अधिकारियों के खिलाफ इसका इस्तेमाल किया।

हालांकि, तेलुगु देशम पार्टी ने बुधवार को किये गए बनर्जी के इस दावे को खारिज कर दिया कि आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अपने कार्यकाल के दौरान स्पाईवेयर खरीदा था।

बनर्जी ने राज्य सचिवालय में दावा किया, ”उन्होंने (पेगासस बनाने वाली कंपनी एनएसओ ने) अपना सामान बेचने के लिए सभी से संपर्क किया था। उन्होंने चार-पांच साल पहले हमारी पुलिस से भी संपर्क किया था और इसे 25 करोड़ रुपये में बेचने की पेशकश की थी। मुझे जानकारी मिली तो मैंने कहा कि हमें इसकी आवश्यकता नहीं है।”

उन्होंने कहा, ”अगर इसका इस्तेमाल देश के फायदे या सुरक्षा के लिये किया गया होता तो यह पूरी तरह से अलग मामला होता, लेकिन इसका इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए, न्यायाधीशों, अधिकारियों के खिलाफ किया गया, जिसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता।”

बंगाल की मुख्यमंत्री ने बुधवार को विधानसभा में खुलासा किया था कि उनकी सरकार को पेगासस स्पाईवेयर की पेशकश की गई थी, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया था क्योंकि इससे लोगों की निजता प्रभावित होती।

इस दौरान उन्होंने दावा किया था कि चंद्रबाबू नायडू के कार्यकाल के दौरान आंध्र प्रदेश सरकार ने यह स्पाईवेयर खरीदा था।

हालांकि, तेलुगू देशम पार्टी ने इस दावे का खंडन किया और कहा कि चंद्रबाबू नायडू सरकार ने ऐसी कोई खरीद नहीं की थी।

तेलुगु देशम पार्टी के महासचिव एन. लोकेश ने बृहस्पतिवार को अमरावती में कहा, ”हमने कभी भी कोई स्पाईवेयर नहीं खरीदा। हम कभी भी किसी भी अवैध फोन टैपिंग मामले में शामिल नहीं रहे।”

नायडू सरकार में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रहे लोकेश ने बनर्जी के दावे पर कहा, ”मुझे नहीं पता कि क्या उन्होंने वास्तव में ऐसा कहा है, और यदि हां तो कहां और किस संदर्भ में। अगर उन्होंने ऐसा कहा है, तो निश्चित रूप से उन्हें गलत सूचना दी गई है।”

हालांकि, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को सॉफ्टवेयर की पेशकश की गई थी।

लोकेश ने कहा, ”हां, पेगासस ने आंध्र प्रदेश सरकार को भी अपना स्पाईवेयर बेचने की पेशकश की थी, लेकिन हमने उसे खारिज कर दिया था।”

भाषा जोहेब दिलीप

दिलीप