असम में बंगाली हिंदुओं को नागरिकता के लिए झूठ बोलने को कहा गया: गोगोई |

असम में बंगाली हिंदुओं को नागरिकता के लिए झूठ बोलने को कहा गया: गोगोई

असम में बंगाली हिंदुओं को नागरिकता के लिए झूठ बोलने को कहा गया: गोगोई

:   Modified Date:  April 13, 2024 / 04:09 PM IST, Published Date : April 13, 2024/4:09 pm IST

(त्रिदीप लहकर)

माजुली, 13 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार पर असम के सदाशयी बंगाली हिंदुओं को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के तहत नागरिकता प्राप्त करने के लिए उनके मूल के बारे में झूठ बोलने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है और चेतावनी दी है कि ‘फूट डालो और राज करो’ की यह नीति राज्य में मणिपुर जैसी स्थिति उत्पन्न करेगी।

लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गोगोई ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के क्रियान्वयन पर केंद्र की आलोचना की और दावा किया कि वह (केंद्र) उन लोगों को ‘भारतीय नागरिकता पाने के लिए झूठ बोलने को मजबूर कर रहा है, जिन्हें एनआरसी’’ में शामिल नहीं किया गया था।

उन्होंने दावा किया कि सीएए का मुख्य उद्देश्य असम में जन्मे उन बंगाली हिंदुओं को लाभ पहुंचाना है, जो किसी कारण से राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) में शामिल नहीं हैं।

गोगोई ने कहा, ‘अब, असम में जन्मे इन बांग्ला भाषी नागरिकों को उपाय के तौर पर यह स्वीकारने को कहा गया है कि वे बांग्लादेश से आए शरणार्थी हैं। यह शर्म की बात है और यह उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाता है।’

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने बांग्ला भाषी लोगों से झूठे, गुमराह करने वाले वादे किए और अब कम से कम असम में बांग्ला और असमिया भाषी लोगों के बीच दरार पैदा कर रही है।

गोगोई ने चेतावनी दी, ‘यह हमें याद दिलाता है कि उन्होंने दो मणिपुर कैसे बनाए और इस तरह की ‘फूट डालो और राज करो’ की राजनीति के कारण कुछ वैसा ही हो सकता है।’

अंतिम एनआरसी 31 अगस्त, 2019 को जारी किया गया था और इसमें 19 लाख से अधिक लोगों को शामिल नहीं किया गया था।

उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि सरकार अनिवार्य रूप से इन लोगों को उनके मूल और विरासत के बारे में झूठ बोलने के लिए मजबूर कर रही है, जिससे उनके और उनके पड़ोसियों के बीच कलह की भावना पैदा होगी।’’

गोगोई ने कहा, ‘‘भाजपा सरकार ने समाज में उनकी (बांग्ला भाषी हिंदुओं की) प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचायी है। मुझे लगता है कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। हम एक वास्तविक और त्रुटि रहित एनआरसी चाहते थे। उन सभी बांग्ला भाषी लोगों को एनआरसी में शामिल किया जाना चाहिए था, जो वास्तविक भारतीय नागरिक हैं।’

उन्होंने कहा कि यदि लोगों के नाम अवैध तरीके से एनआरसी में शामिल किए गए हैं, तो उनकी पहचान की जानी चाहिए और कानूनी कदम उठाए जाने चाहिए।

अंतिम एनआरसी के प्रकाशन के बाद, अधिकारियों को ‘अस्वीकृति पर्ची’ जारी करनी थी, जिसमें किसी व्यक्ति का नाम बाहर करने के कारणों का उल्लेख होना था, लेकिन इसे अभी तक जारी नहीं किया गया है।

गोगोई ने भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर लोकतांत्रिक विरोध को दबाने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि जो छात्र संगठन और राजनीतिक दल शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से सीएए के क्रियान्वयन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना चाहते हैं, उन्हें अनुमति नहीं दी जा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘शीर्ष पुलिस अधिकारियों द्वारा पत्र भेजकर उन्हें जेल भेजने की धमकी दी जा रही है, छात्र और राजनीतिक संगठनों के नेताओं को डराया जा रहा है। उन्हें शांतिपूर्ण और अहिंसक तरीके से विरोध करने के उनके मूल अधिकार से रोका जा रहा है।’

गोगोई ने कहा कि असहमति लोकतंत्र की एक अनिवार्य विशेषता है, लेकिन सरकार ‘क्रूर’ पुलिस बल का उपयोग करके सभी प्रकार के लोकतांत्रिक विरोध को कुचलने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘पुलिस कार्रवाई की धमकी ने मीडिया सहित सभी प्रकार के विपक्ष को चुप करा दिया है। इससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री मोदी के तहत भाजपा सरकार आधुनिक भारतीय लोकतंत्र को कुचल रही है और भारत को चीन की निरंकुश सरकार या रूस सरीखे लोकतंत्र में बदलना चाहती है।’’

लोकसभा सदस्य ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष इस आम चुनाव के माध्यम से लोकतंत्र को संरक्षित करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमारा संदेश सरल है- ‘इंडिया’ के सत्ता में आने पर, हम सीएए को रद्द कर देंगे, क्योंकि यह असंवैधानिक है और असम समझौते की भावना का उल्लंघन करता है।’

लोकसभा चुनाव में राजग को 400 से अधिक सीटें मिलने के भाजपा के दावे पर गोगोई ने कहा कि यह सिर्फ अपने कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए किया गया ‘भ्रामक दावा’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने यह भी दावा किया था कि वह हर खाते में 15 लाख रुपये जमा करेगी। हम जानते हैं कि वे क्या करते हैं। उन्होंने कई स्मार्ट सिटी बनाने, दो करोड़ नौकरियां देने, कुशल कर्मचारी तैयार करने और महंगाई कम करने की भी बात की थी। हम सिर्फ भाजपा के बड़े-बड़े बयानों से लोगों को गुमराह करने के आदी हैं।’

यह पूछे जाने पर कि असम में विपक्षी गठबंधन विफल क्यों हुआ, कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘मोटे तौर पर गठबंधन ने बहुत अच्छा काम किया। हर राज्य में हमारी अलग-अलग तस्वीरें हैं। केरल में हम मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के खिलाफ हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल में हम एकसाथ हैं।’

उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में, आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस एक साथ लड़ रहे हैं, लेकिन पंजाब में, हम अलग-अलग लड़ रहे हैं। हर राज्य में राजनीतिक वास्तविकता अलग है। मतदाता बुद्धिमान और परिपक्व हैं, वे समझते हैं कि क्या हो रहा है।’

पिछले कुछ हफ्तों में अपने कई करीबी सहयोगियों के भाजपा में शामिल होने को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए गोगोई ने कहा कि वह असम के लोगों की सेवा करने के लिए राजनीति में आए हैं।

भाषा अमित सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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