बीआरएस ने राष्ट्रीय लक्ष्य के लिए तेलंगाना में खम्मम को ‘लांच पैड’ के रूप में चुना |

बीआरएस ने राष्ट्रीय लक्ष्य के लिए तेलंगाना में खम्मम को ‘लांच पैड’ के रूप में चुना

बीआरएस ने राष्ट्रीय लक्ष्य के लिए तेलंगाना में खम्मम को ‘लांच पैड’ के रूप में चुना

:   Modified Date:  January 18, 2023 / 03:05 PM IST, Published Date : January 18, 2023/3:05 pm IST

खम्मम (तेलंगाना), 18 जनवरी (भाषा) तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने एक राष्ट्रीय राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरने के अपने लक्ष्य के तहत पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में महत्वपूर्ण चुनावी उपस्थिति बनाने के मकसद से इसके सीमावर्ती शहर खम्मम को चुना है।

कभी वामपंथियों का और बाद में कांग्रेस का गढ़ माना जाने वाला खम्मम राज्य की राजधानी से लगभग 200 किलोमीटर दूर है, जो आज प्रमुख राजनीतिक दलों की रैलियों के साथ राजनीतिक केंद्र बन गया है।

बीआरएस, तत्कालीन तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) 2018 में संयुक्त खम्मम जिले की 10 में से केवल एक विधानसभा सीट ही जीत सकी। बाद में कांग्रेस के छह और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के दो विधायक बीआरएस में शामिल हो गए थे। जाहिर है सत्ता पक्ष यहां अपना आधार बनाने की दिशा में काम कर रहा है, जो पड़ोसी आंध्र प्रदेश में इसे आगे बढ़ाने में काम आएगा।

तेदेपा के सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू ने 22 दिसंबर को यहां एक जनसभा की थी और राज्य में पार्टी को समर्थन देने की अपील की थी।

युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस (वाईएसआरसी) पार्टी के संस्थापक और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी की बहन वाई. एस. शर्मिला ने भी घोषणा की है कि वह अगले विधानसभा चुनाव के दौरान खम्मम जिले के पालेयर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगी।

खम्मम शहर में आज सत्तारूढ़ बीआरएस की पहली जनसभा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब में उनके समकक्ष भगवंत मान, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के डी. राजा शामिल होने वाले हैं।

बीआरएस नेतृत्व जनसभा में भारी संख्या में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है ताकि इसे एक ऐतिहासिक कार्यक्रम बनाया जा सके।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, आंध्र प्रदेश का सीमावर्ती जिला होने के कारण खम्मम में पड़ोसी राज्य से लोगों को जुटाना आसान होगा।

भाषा सुरभि मनीषा अविनाश

अविनाश

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