वकील से ‘दुर्व्यवहार’ पर कलकत्ता उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश को लिखा पत्र

वकील से ‘दुर्व्यवहार’ पर कलकत्ता उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश को लिखा पत्र

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  • Publish Date - December 19, 2023 / 08:43 PM IST,
    Updated On - December 19, 2023 / 08:43 PM IST

कोलकाता, 19 दिसंबर (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय के बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा है कि वकील मंगलवार से न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की पीठ की कार्यवाही में शामिल नहीं होंगे।

एसोसिएशन का आरोप है कि एक मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने अदालत की अवमानना के लिए एक वकील के साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें हिरासत में भेज दिया।

एकल न्यायाधीश के आदेश की प्रति आधिकारिक सर्वर पर अपलोड नहीं होने का उल्लेख करते हुए खंडपीठ ने वकील के पत्र को अपील के तौर पर स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय के आदेश की तामील पर अंतरिम रोक लगा दी।

उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर सूचीबद्ध मामलों के अनुसार, न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय की पीठ मंगलवार को नहीं बैठी।

वकील प्रसेनजीत मुखर्जी ने सोमवार शाम न्यायमूर्ति हरीश टंडन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष कहा कि उन्हें बाद में हिरासत से रिहा कर दिया गया था, लेकिन आशंका जताई कि अगर तीन दिन की हिरासत का आदेश लागू किया गया, तो उन्हें फिर से हिरासत में रखा जा सकता है।

मुखर्जी ने खंडपीठ के समक्ष दावा किया कि एकल न्यायाधीश के समक्ष बार-बार बिना शर्त माफी मांगने के बावजूद उन्हें हिरासत में ले लिया गया।

मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवज्ञानम को लिखे पत्र में बार एसोसिएशन के सचिव विश्वब्रत बसु मल्लिक ने कहा कि मुखर्जी के ‘सरासर अपमान’ के मद्देनजर इसके अधिकतर सदस्य न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय की अदालत में उपस्थित नहीं होने का प्रस्ताव लेकर आये हैं ।

प्रस्ताव में कहा गया है कि वकील मंगलवार से न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय की अदालत में तब तक नहीं जाएंगे जब तक न्यायाधीश, मुखर्जी और बार से खेद नहीं प्रकट करते। मुखर्जी ने अपनी अपील में कहा कि वह न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय की अदालत के समक्ष एक मामले में पश्चिम बंगाल मदरसा सेवा आयोग की ओर से पेश हो रहे थे, जब यह घटना हुयी।

भाषा आशीष रंजन

रंजन