रामबन में नदी में गिरे वाहन में सवार आठ लोगों की तलाश के लिए तीसरे दिन भी अभियान जारी

रामबन में नदी में गिरे वाहन में सवार आठ लोगों की तलाश के लिए तीसरे दिन भी अभियान जारी

रामबन में नदी में गिरे वाहन में सवार आठ लोगों की तलाश के लिए तीसरे दिन भी अभियान जारी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:28 pm IST
Published Date: September 2, 2020 11:29 am IST

बनिहाल/जम्मू, दो सितंबर (भाषा) जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग से चेनाब नदी में गिरे वाहन में सवार चार पुलिस कर्मियों सहित आठ लोगों का पता लगाने के लिए जम्मू-कश्मीर के रामबन में चल रहा बचाव अभियान बुधवार को तीसरे दिन में प्रवेश कर गया।

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और स्थानीय स्वयंसेवकों द्वारा चलाए जा रहे तलाशी अभियान के बावजूद डूबे वाहन और उसमें सवार लोगों का पता नहीं चल पाया है।

उन्होंने बताया कि निजी यात्री वाहन सोमवार को रामबन जिले के मेहर के नजदीक चेनाब नदी में उस समय गिर गया जब वह जम्मू से बनिहाल आ रहा था। हादसे में चमत्कारिक तरीके से श्रीनगर के पुलिस कर्मी मेहराजुद्दीन बच गए, जबकि आठ अन्य यात्री लापता हैं।

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अधिकारी ने बताया कि दुर्घटना में लापता कुछ लोगों के परिवार के सदस्य भी बचाव अभियान में शामिल हुए हैं और नदी में तलाशी का दायरा बढ़ाकर घटनास्थल से 25 किलोटमीटर दूर तक किया गया है।

उन्होंने बताया कि वाहन और शवों का पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि माना जा रहा है कि कुछ शव वाहन के अंदर ही फंसे हैं, इसलिए जिला प्रशासन ने नजदीकी बगलिहार बांध के दरवाजों को एक घंटे के लिए बंद करने का फैसला किया है ताकि नदी का जलस्तर कम हो और बचाव कर्मी वाहन का पता लगा सके।

अधिकारियों ने बताया कि विशेषज्ञों और आधुनिक उपकरणों का भी अब तलाशी अभियान में इस्तेमाल किया जा रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि लापता पुलिसकर्मियों की पहचान अनंतनाग निवासी हेड कांस्टेबल लतीफ, बडगाम निवासी कांस्टेबल अशाक हुसैन, बारामूला निवासी कांस्टेबल अल्ताफ अहाद और रामबन निवासी कांस्टेबल हफीज अहमद के तौर पर की गई है और वे जम्मू के विभिन्न इलाकों में तैनात थे और छुट्टी पर घर लौट रहे थे।

अन्य लापता लोगों की पहचान रियासी निवासी एवं वाहन चालक अजय कुमार, रामबन निवासी शिशान देवी एवं उनका बेटा कुलजीत सिंह और बिहार निवासी अरुण गुप्ता के रूप में की गई है।

भाषा धीरज पवनेश

पवनेश


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