ग्यारहवीं, 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए करियर मार्गदर्शन अहम, काउंसलिंग जरूरी : अदालत

ग्यारहवीं, 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए करियर मार्गदर्शन अहम, काउंसलिंग जरूरी : अदालत

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  • Publish Date - November 30, 2022 / 06:58 PM IST,
    Updated On - November 30, 2022 / 06:58 PM IST

नयी दिल्ली, 30 नवम्बर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने 11वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को करियर संबंधी मार्गदर्शन दिये जाने के महत्व पर जोर देते हुए कहा है कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विद्यालयों में काउंसलिंग की उपयुक्त व्यवस्था हो।

न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने कहा कि यह आवश्यक है कि छात्रों को निर्णय लेने की प्रक्रिया के बारे में सलाह दी जाये। अदालत ने विशेषज्ञों के परामर्श से स्कूली छात्रों को करियर संबंधी मार्गदर्शन देने के मुद्दे की पड़ताल का निर्देश दिया।

अदालत ने उस छात्र की याचिका पर यह आदेश पारित किया, जो दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला ले पाने में विफल रहा। उसके स्कूल ने कथित तौर पर यह चेतावनी नहीं दी थी कि 12वीं कक्षा में उसके द्वारा चयनित दो विषयों को ‘मुख्य’ नहीं माना गया था, जिसकी वजह से उसे दाखिले के समय अंकों में 2.5 प्रतिशत की कटौती का सामना करना पड़ा था।

अदालत ने याचिकाकर्ता छात्र द्वारा मांगी गई राहत देने से इनकार कर दिया, लेकिन यह जरूर कहा कि अगर छात्रों को विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश नीतियों से अवगत कराया जाता है, तो इससे उन्हें अपने विषय विकल्पों के बारे में उचित निर्णय लेने में मदद मिलेगी।

अदालत ने अपने हालिया आदेश में कहा, “इस बात पर जोर दिया जाना चाहिए कि ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा में छात्रों के लिए करियर मार्गदर्शन महत्वपूर्ण है। यह वास्तव में आवश्यक है कि इस निर्णय लेने की प्रक्रिया में छात्रों की काउंसलिंग की जाए।’’

अदालत ने अपने स्कूल की सीबीएसई संबद्धता रद्द करने की याचिकाकर्ता की प्रार्थना यह कहते हुए खारिज कर दी कि इसमें पर्याप्त आधार का अभाव है और यह अस्वीकार्य है, क्योंकि ‘‘कुछ छात्रों को उचित करियर परामर्श न दिया जाना किसी वैधानिक प्रावधान के अभाव में संबद्धता और मान्यता समाप्त करने का आधार नहीं हो सकता।’’

भाषा

सुरेश दिलीप

दिलीप